झारखंड चुनाव 2024: अब बीजेपी की ओर से 'पॉलिटिकल बैटिंग' करेंगे चंपाई सोरेन, जानें सीएम हेमंत सोरेन के लिए साबित होंगे बड़ा खतरा?
- बीजेपी में शामिल हुए चंपाई सोरेन
- बीजेपी की ओर से 'पॉलिटिकल बैटिंग' करेंगे चंपाई सोरेन
- सीएम हेमंत सोरेन का लगा बड़ा झटका
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व JMM नेता चंपाई सोरेन भाजपा में शामिल हो गए हैं। उनके लिए बीजेपी ने राजधानी रांची के शाखा मैदान में अभिनंदन व मिलन कार्यक्रम रखा। जहां चंपाई सोरेन सर्वसम्मति से बीजेपी में शामिल हो गए। इस दौरान झारखंड के चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी मौजूद रहे। बता दें कि, इस दौरान चंपाई सोरेन की ओर से उनके बेटे बाबूलाल सोरेन भी मौजूद रहे।
#WATCH रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व JMM नेता चंपई सोरेन भाजपा में शामिल हुए।इस दौरान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी मौजूद रहे। pic.twitter.com/5n9zlsY1XP
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 30, 2024
हेमंत सोरेन के लिए कितना बड़ा नुकसान
झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने बड़ी रणनीति के तहत चंपाई सोरेन के अपने पाले में कर लिया है। सोरेन का बीजेपी में शामिल होना पार्टी के लिए बड़ा मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकता है। क्योंकि, चंपोई सोरेन झारखंड सीएम हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) एक मजबूत स्तंभ की तरह थे। चंपाई सोरेन शिबू सोरेन के साथ झारखंड आंदोलन के मजबूत नेता रहे हैं। जिससे उनकी छवि भी राज्य में एक बेहतरीन नेता के तौर पर है।
बीजेपी को कितना फायदा
चंपाई सोरेन का झारखंड की कई विधानसभा सीटों पर प्रभाव है। कोल्हान क्षेत्र में उनकी अच्छी खासी पकड़ है। चंपाई सोरेन का बीजेपी में शामिल होना जेएमएम के लिए एक पॉलिटिकल डैमेज की तरह है। झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से 28 सीटें आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित है। ऐसे में अगर चंपाई सोरेन की तरफ आदिवासी वोट बैंक खिसक सकता है। अगर ऐसा हुआ तो इसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा।
हेमंत सोरेन के सबसे ज्यादा करीबी नेता रहने वाले चंपाई सोरेन बीजेपी के खिलाफ चुनाव जीतने के लिए भी महत्वपूर्ण थे। साल 2011 की जनगणना रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड की कुल जनसंख्या 32988134 है। जिनमें अनुसूचित जनजातियों की आबादी 86,45,042 है, जो राज्य की कुल आबादी का 26.2 प्रतिशत थी। राज्य में 77 लाख से ज्यादा आदिवासी मतदाता हैं। ऐसे में झारखंड की राजनीति में आदिवासी वोट बैंक काफी ज्यादा मायने रखते हैं।
Created On :   30 Aug 2024 5:43 PM IST