पश्चिम बंगाल के 2023 के पंचायत चुनाव पर मंडरा रहा अतीत की हिंसा का साया

West Bengals 2023 panchayat elections are overshadowed by the violence of the past
पश्चिम बंगाल के 2023 के पंचायत चुनाव पर मंडरा रहा अतीत की हिंसा का साया
पंचायत चुनाव-2022 पश्चिम बंगाल के 2023 के पंचायत चुनाव पर मंडरा रहा अतीत की हिंसा का साया

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तारीख की घोषणा अभी बाकी है। रूढ़िवादी अनुमानों से भी अगले साल अप्रैल से पहले चुनाव होने की कोई संभावना नहीं है। चुनाव की संभावित तारीख में लगभग चार महीने बाकी हैं, पश्चिम बंगाल के ग्रामीण क्षेत्रों में लोग पहले से ही उस महायुध की गर्मी महसूस कर सकते हैं। विस्फोट, गोलीबारी और हथियारों की बरामदगी, कच्चे बम और विस्फोटक, मानव जीवन के टोल के साथ-साथ पिछले कुछ हफ्तों से नियमित विशेषताएं बन गए हैं।

अब आशंका यह है कि अगर अभी ऐसा ही परिदृश्य है तो मतदान का दिन कितना खून-खराबा होगा और क्या पश्चिम बंगाल हिंसक चुनावों की अपनी विरासत को जारी रखेगा। दो ताजा उदाहरण यह साबित करने के लिए काफी हैं कि कुछ ही दिनों में दोनों घटनाओं के साथ चुनाव कितना खतरनाक हो सकता है। सबसे पहले, 2 दिसंबर की तड़के पूर्वी मिदनापुर जिले के कांथी में एक स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता के आवास पर एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ, जो विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के पैतृक आवास के करीब है, इस विस्फोट ने न केवल उस घर को उड़ा दिया, बल्कि घर में मौजूद तीन लोगों की जान भी ले ली।

इससे पहले कि लोग सदमे से उबर पाते, 6 दिसंबर को दक्षिण 24 परगना जिले के बरुईपुर में देर रात हुई गोलीबारी में दो लोग मारे गए। साथ ही, पिछले पखवाड़े के दौरान एक भी दिन ऐसा नहीं बीता जब विस्फोट या बिना, लाइसेंस वाले हथियारों, विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से कच्चे बम या विस्फोटक की बरामदगी की खबर नहीं आई। हिंसा को लेकर हमेशा की तरह राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। एक ओर, शुभेंदु अधिकारी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की है।

दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव और पश्चिम बंगाल में पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने भाजपा पर पहले इस तरह के विस्फोटों और गोलीबारी की साजिश रचने और फिर राष्ट्रीय जांच एजेंसी जैसी केंद्रीय एजेंसियों को हस्तक्षेप करने की सुविधा देने के लिए हल्ला मचाने का आरोप लगाया है। माकपा नेता और पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती के लिए तृणमूल कांग्रेस और भाजपा दोनों राज्य में आतंक पैदा करने के लिए ग्रामीण निकाय चुनावों से पहले शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं

(आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   11 Dec 2022 11:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story