विधानसभा अध्यक्ष को नहीं मिला टिकट
- यूपी का चुनावी घमासान : विधानसभा अध्यक्ष को नहीं मिला टिकट
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को टिकट देने से इनकार कर दिया है। पार्टी का फैसला इस बात को देखते हुए आया है कि दिग्गज नेता 75 साल की उम्र पार कर चुके हैं। दीक्षित अपनी भगवंत नगर सीट पर अपने बेटे के लिए टिकट की पैरवी कर रहे थे लेकिन बीजेपी ने आशुतोष शुक्ला को मैदान में उतारा है।
इस बीच, उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक, जो 2017 में लखनऊ सेंट्रल से जीते थे, उन्हें लखनऊ छावनी में स्थानांतरित कर दिया गया है, जिससे भाजपा के मौजूदा विधायक सुरेश तिवारी को टिकट नहीं दिया गया है। लखनऊ सेंट्रल से रजनीश गुप्ता को टिकट दिया गया है। पाठक के टिकट की घोषणा के साथ ही बीजेपी के अपर्णा यादव को इस सीट से उतारने की अटकलों पर विराम लग गया है।
इस सीट पर भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी की भी नजर थी जो चाहती थीं कि उनके बेटे मयंक जोशी इस सीट से चुनाव लड़ें। उत्तर प्रदेश की मंत्री स्वाति सिंह, जो कई विवादों में घिरी हुई हैं, उन्हें उनकी सरोजिनी नगर सीट से टिकट से वंचित कर दिया गया है, जिसमें अब ईडी के पूर्व संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह नए उम्मीदवार हैं।
राजेश्वर सिंह उम्मीदवार घोषित होने से एक दिन पहले भाजपा में शामिल हुए थे। शहरी विकास मंत्री आशुतोष टंडन, लखनऊ उत्तर से नीरज बोरा और मलीहाबाद से केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर की पत्नी जय देवी अपनी सीटों को बरकरार रखने में सफल रही हैं। भाजपा ने पिछले राज्य चुनावों में लखनऊ की नौ में से आठ सीटों पर जीत हासिल की थी। लखनऊ में 23 फरवरी को मतदान होना है।
आईएएनएस
Created On :   2 Feb 2022 9:30 AM IST