मंत्रियों के बयानों से सरकार की हो रही किरकिरी

The government is getting hurt by the statements of the ministers
मंत्रियों के बयानों से सरकार की हो रही किरकिरी
मध्य प्रदेश मंत्रियों के बयानों से सरकार की हो रही किरकिरी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में मंत्रियों के बयान सरकार की खूब किरकिरी करा रहे हैं। मंत्रियों के बयानों से जहां कांग्रेस को भाजपा और सरकार पर हमला करने का मौका मिल रहा है, तो वहीं पार्टी और सरकार की मुश्किलें भी बढ़ रही हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूर्व में मंत्रियों को बयान देने से पहले सोच विचार कर ही बात कहने की हिदायतें दे चुके हैं, मगर मंत्री हैं कि अपनी आदतों से बाज आने को तैयार नहीं हैं। मंत्रियों में आगे बढ़कर बयान देने की होड़ मची हुई है। इसका नतीजा यह होता है कि मंत्रियों के बयानों पर पार्टी को बचाव कर पाना आसान नहीं होता।

वाणिज्यिक कर मंत्री जगदीश देवड़ा ने कथित तौर पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मुगल शासक शोरशाह सूरी से कर डाली। उन्होंने सीहोर में आयोजित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की राशि के वितरण के दौरान कहा, इतिहास में शेरशाह सूरी ने कोई काम किया था। सड़क बनाने का या फिर देश के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था।

इसी तरह जबलपुर में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे परिवहन मंत्री गोंविद सिंह राजपूत ने तो पांच राज्यों में कांग्रेस की जीत का दावा कर डाला। परिवहन मंत्री राजपूत से यहां पत्रकारों ने पांच राज्यों के चुनाव को लेकर सवाल किया तो उनका जवाब था, उत्तरप्रदेश समेत पांच राज्यों के चुनाव में सभी जगह कांग्रेस का बहुमत होगा और कांग्रेस की सरकार बनेगी। राजपूत जब यह बयान दे रहे थे तब उनके करीब पूर्व मंत्री अजय विश्नोई भी बैठे थे, तभी उन्होंने राजपूत को टोका तो बाद में राजपूत ने सफाई दी।

इसके अलावा हिजाब को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का बयान आया कि राज्य में ड्रेसकोड लागू किया जाएगा, इस बयान पर विवाद की स्थिति बनी तो उन्हें यू टर्न लेना पड़ा। कांग्रेस की ओर से मंत्रियों के बयानों पर खूब चुटकी ली जा रही है। साथ ही मंत्रियों की बेलगाम होती जुबान पर तंज सके जा रहे हैं तो वहीं भाजपा इन मसलों पर ज्यादा बात करने को तैयार नहीं है।

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि संगठन की ओर से सिर्फ प्रवक्ता अपनी बात कहने सामने आते हैं और वे सरकार के मसले पर जितना जरुरी होता है उतना ही बोलते हैं, मगर मंत्रियों में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ मची है, मुख्यमंत्री तक हिदायत दे चुके हैं, मगर मंत्री बाज नहीं आ रहे। इस स्थिति में संगठन के मुखिया विष्णु दत्त शर्मा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गाइड लाइन तय करना चाहिए। मंत्रियों को अपने विभाग तक ही सीमित रहने की हिदायत दी जाए तो बेहतर होगा।

(आईएएनएस)

Created On :   14 Feb 2022 3:30 PM IST

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