भारतीय राजनयिकों को काबुल भेजने का आग्रह करने से पहले तालिबान ने पाक के पूर्व सीओएएस से ली थी सलाह

Taliban had consulted former COAS of Pakistan before requesting to send Indian diplomats to Kabul
भारतीय राजनयिकों को काबुल भेजने का आग्रह करने से पहले तालिबान ने पाक के पूर्व सीओएएस से ली थी सलाह
नई दिल्ली भारतीय राजनयिकों को काबुल भेजने का आग्रह करने से पहले तालिबान ने पाक के पूर्व सीओएएस से ली थी सलाह

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अफगानिस्तान के शासकों पर एक नई किताब में दावा किया गया है कि तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने भारत से अपने राजनयिकों को वापस भेजने के लिए कहने से पहले पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख (सीओएएस) जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ बैठक की और सलाह ली थी। यह बात मीडिया रिपोर्ट में कही गई है।

डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, द रिटर्न ऑफ द तालिबान शीर्षक वाली इस किताब के लेखक हसन अब्बास हैं, जो नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी (एनडीयू), वाशिंगटन में अंतरराष्ट्रीय संबंध पढ़ाते हैं। अब्बास लिखते हैं, काबुल में भारत की वापसी पाकिस्तान के बिना नहीं हो सकती थी। पाकिस्तान ने यह सलाह इसलिए दी, क्योंकि इससे अफगानिस्तान में तालिबान के लिए कुछ सहायता की संभावना बन सकती थी।

पुस्तक के मुताबिक भारत के अफगानिस्तान में रणनीतिक हित हैं, हालांकि रूस और चीन के विपरीत, भारत ने अगस्त 2021 में तालिबान के अधिग्रहण के बाद अफगानिस्तान के साथ राजनयिक संबंध तोड़ दिए थे। डॉन के मुताबिक, भारत अब गंभीरता से अपनी स्थिति का पुनर्मूल्यांकन कर रहा है और तालिबान के साथ जुड़ने और अफगानिस्तान को स्थिर करने में मदद करने की दिशा में बढ़ रहा है।

इस बात पर चर्चा करते हुए कि तालिबान भारत के साथ संबंध सुधारने के लिए उत्सुक क्यों हैं, पुस्तक कहती है कि तालिबान अंतर्राष्ट्रीय वैधता और मान्यता चाहता है।। काबुल के नए शासकों को देश के पुनर्निर्माण और पुनरुद्धार के लिए भारी बाहरी निवेश की आवश्यकता है और भारत के पास ऐसा करने के लिए संसाधन हैं।

किताब में तालिबान के अफगानिस्तान में कब्जा जमाने के बाद आईएसआई के पूर्व प्रमुख फैज हामिद की काबुल यात्रा पर भी चर्चा की गई है। इसमें दावा किया गया है कि विदेश मंत्रालय ने उन्हें काबुल में पाकिस्तानी दूतावास में रहने की सलाह दी थी, लेकिन खुफिया प्रमुख ने इसे खारिज कर दिया।

बाद में, विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी सहित पाकिस्तानी राजनेताओं के साथ एक बैठक में, उन्होंने यह कहते हुए अपनी कार्रवाई का बचाव किया कि अमेरिकी और चीनी खुफिया प्रमुखों ने भी उस समय काबुल का दौरा किया था। डॉन की खबर के मुताबिक, उन्हें याद दिलाया गया कि काबुल के सेरेना होटल में चाय की चुस्की लेते हुए उनकी तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गई थीं।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   26 April 2023 1:30 PM IST

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