पेगासस पर सुप्रीम कोर्ट की कमेटी कर रही है जांच, सदन में चर्चा का कोई औचित्य नहीं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सर्वदलीय बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि लगभग 25 राजनीतिक दल सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए। उन्होंने बताया कि बैठक में सरकार की तरफ से केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी दलों के नेताओं को यह स्पष्ट तौर पर बता दिया कि पहले चरण में ( बजट सत्र के पहले चरण) राष्ट्रपति के अभिभाषण और बजट पर ही चर्चा होती है और इस बार भी इसी पर ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सभी दल सदन चलाने में सहयोग करते हैं तो बजट सत्र के दूसरे चरण में सरकार विपक्ष द्वारा उठाए गए बाकी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
विपक्षी दलों द्वारा पेगासस मसले को उठाने के सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने मामले को अदालत ( सुप्रीम कोर्ट ) के विचाराधीन बताते हुए कहा कि इस पर सदन में चर्चा कराने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने विरोधी दलों को बजट सत्र के दूसरे चरण और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार करने की भी सलाह दी।
कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस द्वारा पेगासस मामले में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के खिलाफ दिए गए विशेषाधिकार हनन के नोटिस के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने सही तथ्यों को सदन के सामने रखा था और इस नोटिस पर फैसला करने का अधिकार लोक सभा अध्यक्ष को है।
सदन की कार्यवाही को लेकर निर्धारित किए गए समय की जानकारी देते हुए जोशी ने बताया कि लोक सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और बजट दोनों पर 12-12 घंटे की चर्चा का समय निर्धारित किया गया है। राज्य सभा में समय का निर्धारण अभी नहीं हुआ है, लेकिन उच्च सदन में भी इसी के आसपास चर्चा का समय निर्धारित किया जा सकता है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राहुल गांधी द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए जोशी ने कहा राहुल इसके अलावा और कह भी क्या सकते हैं, उन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि चीन सीमा विवाद के लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार है। इस तरह से पेगासस मामले को लेकर सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण और बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष अपनी बात रख सकता है लेकिन इस पर फिलहाल चर्चा नहीं कराई जा सकती है। आपको बता दें कि, 7 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे सकते हैं।
Created On :   31 Jan 2022 8:30 PM IST