संसद और संसदीय कामकाज तक सीमित , संसद और सांसदों के प्रति बढ़ा है जनता का विश्वास : ओम बिरला
- विशेषाधिकार है बाकी कानून सबके लिए समान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 17 वीं लोक सभा का 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है लेकिन आधे से अधिक कार्यकाल बीत जाने के बावजूद अभी तक लोक सभा के उपाध्यक्ष का चयन नहीं हो पाया है और यह पद अब तक खाली है ? यह पूछे जाने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यह एक प्रक्रिया है और समय आने पर उनका भी चयन होगा।
सवाल - कांग्रेस सांसदों ने आपसे दिल्ली पुलिस और ईडी के व्यवहार की शिकायत की है। उनका यह आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने उनके सांसदों के साथ आतंकियों जैसा व्यवहार किया और मारपीट भी की । बतौर लोकसभा अध्यक्ष आप क्या एक्शन लेने जा रहे हैं ?
जवाब - माननीय सांसदों को संसद के कामकाज को लेकर और संसद के अंदर विशेषाधिकार है। संसद के कामकाज में बाधा न पहुंचे, रूकावट न आए और वो स्वतंत्रता से अपने संसदीय कामकाज को कर सके, इसी का विशेषाधिकार है बाकी कानून सबके लिए समान है और कानून में किसी को विशेषाधिकार प्राप्त नहीं है। हमारा दायरा संसद और संसदीय कामकाज तक सीमित है, जब भी कोई माननीय सांसद हमें शिकायत करता है तो नियमों के मुताबिक सदन की विशेषाधिकार समिति मामले की जांच कर हमें रिपोर्ट भेजती है।
सवाल - तो कांग्रेस सासंदों की शिकायत को भी आप जांच के लिए विशेषाधिकार समिति को भेज रहे हैं ?
जवाब - मेरे पास इस तरह की जो भी शिकायत आती है , उसकी जांच तो विशेषाधिकार समिति ही करती है। यह समिति जांच करती है कि सासंद के विशेषाधिकार का हनन हुआ है या नहीं हुआ है। जांच के आधार पर समिति हमें अपनी सिफारिश भेजती है और उसी सिफारिश के आधार पर हम कार्रवाई करते हैं।
सवाल - सासंदों के साथ दुर्व्यहार की खबरें लगातार देश के कई राज्यों से आ रही है। पश्चिम बंगाल से भाजपा के कई सासंद राज्य की पुलिस पर लगातार आरोप लगा रहे हैं, जहां टीएमसी सत्ता में है। नवनीत राणा ने जिस महाराष्ट्र पुलिस पर आरोप लगाया है वहां शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन सत्ता में है । कांग्रेस ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया है जो केंद्र सरकार के अधीन है और वर्तमान में केंद्र में एनडीए गठबंधन की सरकार है। देश के कई अन्य राज्यों से भी सांसदों या विधायकों के साथ इस तरह के दुर्व्यवहार की शिकायतें आती रहती हैं तो ऐसे में क्या आपको नहीं लगता कि जब देश के ज्यादातर राजनीतिक दल इससे परेशान है तो इसका कोई स्थायी समाधान निकाला जाना चाहिए ? क्या पुलिस ट्रेनिंग के दौरान जनप्रतिनिधियों के साथ व्यवहार को लेकर भी अलग से ट्रेनिंग दिए जाने की जरूरत है ?
जवाब - इसे लेकर केंद्र सरकार का एक सर्कुलर पहले से ही निकला हुआ है। इस सर्कुलर में कहा गया है कि सभी जनप्रतिनिधियों का सम्मान करें। इसमें अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों को कहा गया है कि अगर जनप्रतिनिधि आपके कार्यालय में आते हैं तो उनकी बातचीत सुने, उनका सम्मान करें, उनके टेलीफोन उठाए। समय-समय पर यह गाइडलाइन केंद्र सरकार निकालती भी रहती है।
सवाल - धरना-प्रदर्शन के दौरान सांसदों और विधायकों के साथ व्यवहार को लेकर किसी तरह के गाइडलाइन की जरूरत है क्या ?
जवाब- धरना प्रदर्शन करना तो लोकतंत्र में उनका अधिकार है लेकिन इसे लेकर उन्हे अलग से कोई विशेषाधिकार नहीं मिला है। हालांकि मैं कहूंगा कि सम्मान सबका करना चाहिए चाहे वो आम नागरिक हो या सांसद और कानून सबके लिए समान है।
सवाल - नए संसद भवन का निर्माण कार्य जोर-शोर से जारी है। सदन की कार्यवाही इस नए भवन में कब से शुरू होने की उम्मीद है ?
जवाब - संसद का यह नया भवन ग्रीन बिल्डिंग होगा जहां पर्यावरण और ऊर्जा सरंक्षण के सभी इंतजाम किए जाएंगे,यह भवन स्टेट ऑफ आर्ट सुविधाओं से युक्त होगा। फिलहाल इसका निर्माण कार्य अपने निर्धारित शेड्यूल से एक सप्ताह पीछे चल रहा है जिसे आने वाले समय में मेकअप कर लिया जाएगा। हमने इस वर्ष नवंबर में आयोजित होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र को इस नए भवन में ही आयोजित करने का लक्ष्य रखा था और इसे हासिल करने के लिए हम लगातार तेजी से प्रयास कर रहे हैं।
सवाल - संसद के आगामी मानसून सत्र को लेकर क्या तैयारियां हैं ?
जवाब - संसद का मानसून सत्र सभी के सहयोग और सहमति से निर्बाध रूप से चलेगा, ऐसा मेरा मानना है।
सोर्स- आईएएनएस
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Created On :   19 Jun 2022 10:30 AM IST