Farmers Protest: राहुल गांधी बोले- एक साइड चुनने का समय है, मैं किसानों और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ हूं

Rahul Gandhi says, its time to choose a side, I am with farmers and their peaceful movement
Farmers Protest: राहुल गांधी बोले- एक साइड चुनने का समय है, मैं किसानों और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ हूं
Farmers Protest: राहुल गांधी बोले- एक साइड चुनने का समय है, मैं किसानों और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ हूं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ करीब दो महीनों से जारी किसानों का आंदोलन हिंसा के बाद अब खत्म होता दिखाई दे रहा है। आंदोलनकारियों को हटने के लिए पुलिस अल्टिमेटम दे चुकी है। इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का ट्वीट सामने आया है। राहुल ने कहा, एक साइड चुनने का समय है। मेरा फ़ैसला साफ़ है। मैं लोकतंत्र के साथ हूं, मैं किसानों और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ हूं।

इससे पहले राहुल की बहन और कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा, कल आधी रात में लाठी से किसान आंदोलन को ख़त्म करने की कोशिश की। आज गाजीपुर, सिंघू बॉर्डर पर किसानों को धमकाया जा रहा है। यह लोकतंत्र के हर नियम के विपरीत है। कांग्रेस किसानों के साथ इस संघर्ष में खड़ी रहेगी। किसान देश का हित हैं। जो उन्हें तोड़ना चाहते हैं- वे देशद्रोही हैं। हिंसक तत्वों पर सख़्त कार्यवाही की जाए लेकिन जो किसान शांति से महीनो से संघर्ष कर रहे हैं, उनके साथ देश की जनता की पूरी शक्ति खड़ी है।

वहीं कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला ने कहा, योगी जी, संविधान ने किसानों को शांतिपूर्ण आंदोलन चलाने का अधिकार दिया है। पूरे उत्तर प्रदेश में किसानों के शांतिपूर्ण धरनों को ज़बरन हटाने के आपके तुगलकी फ़रमान, फासीवादी मानसिकता की उपज हैं। उकसावे की कार्रवाई से तुरंत बाज आईए।

बता दें कि पिछले 26 नवंबर से किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली एनसीआर के बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। किसान और सरकार के बीच अब तक 11 दौर की वार्ता हुई, लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकल पाया। किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वो वापस नहीं जाएंगे। ऐसे में किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाली जिसमें जमकर हिंसा देखने को मिली।

तय रूट का पालन न करते हुए किसान रैली में मौजूद प्रदर्शनकारी हाथ में लाठी-डंडा लेकर दिल्ली में दाखिल हुए थे। इस दौरान कुछ लोग लाल किले की प्राचीर पर भी चढ़ गए और उन्होंने वहां अपना झंडा फहराया। इसके अलावा उन्होंने सार्वजनिक संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचाया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच भी हिंसक झड़पें हुईं जिनमें 300 के करीब पुलिस वाले भी घायल हो गए। इसके अलावा इस हिंसा में एक किसान की भी मौत हो गई थी।

Created On :   28 Jan 2021 10:11 PM IST

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