पीएम मोदी के नियुक्ति पत्रों पर बिहार में सियासी वार, सीएम और डिप्टी सीएम ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

Political war in Bihar on PM Modis appointment letters, CM and Deputy CM targeted the central government
पीएम मोदी के नियुक्ति पत्रों पर बिहार में सियासी वार, सीएम और डिप्टी सीएम ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
रोजगार पर राजनीति पीएम मोदी के नियुक्ति पत्रों पर बिहार में सियासी वार, सीएम और डिप्टी सीएम ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
हाईलाइट
  • सदन में अलग से रेल बजट पेश करने की मांग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से रोजगार मेले में नवनियुक्तों को दिए गए 71000 नियुक्ति पत्रों पर बिहार के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम ने तंज कसा है। पीएम की नियुक्ति पत्रों को तेजस्वी यादव ने नौटंकी करार दिया। वहीं दूसरी ओर बिहार सरकार की ओर से की जा रही जातीय जनगणना के विरोध में लगी याचिकाओं को  जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा याचिकाओं में कोई दम नहीं है, ये कहते हुए बेंच ने याचिकाओं को खारिज कर दिया।  हालांकि सुको ने याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट जाने को कहा।   

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नालंदा में मीडिया से कहा कि जब मैं रेल मंत्री था तो हम लोगों को ढेर सारी नौकरियां देते थे। संसद में जब रेल बजट पेश किया गया तो तमाम अखबारों में चर्चा हुई। मैं चाहता हूं कि सदन में अलग से रेल बजट पेश किया जाए।

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि भारत की आबादी 100 करोड़ से अधिक है वे 75,000 नियुक्ति पत्र देंगे। हम एक राज्य में लाखों नौकरी दे रहे हैं और वे पूरे देश में केवल दिखावटी नौटंकी कर रहे हैं।

उधर बिहार सरकार के लिए एक और अच्छी खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार द्वारा की जा रही जातीय जनगणना के समर्थन में फैसला दिया है। सुको ने उन तमाम याचिकाओं को ठुकरा दिया जो राज्य सरकार की जातीय जनगणना के खिलाफ लगी हुई थी। इसे लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला दिया है, ये सबके हित में है। जाति जनगणना तो केंद्र सरकार का काम है हम तो राज्य में कर रहे हैं। एक-एक चीज की जानकारी होगी तो विकास के काम को बढ़ाने में सुविधा होगी। 

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार राज्य में नीतीश सरकार के आदेश पर की जा रही जातीय आधारित जनगणना कराने के फैसले को चुनौती देने वाली  याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया। हालांकि शीर्ष कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को संबंधित हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने और कानून के मुताबिक उचित कदम उठाने की अनुमति दी है।

Created On :   20 Jan 2023 4:20 PM IST

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