अधिकांश भारतीयों को लगता है कि गहलोत और पायलट एक बार फिर आमने-सामने होंगे : आईएएनएस सर्वे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान के जालोर जिले में एक दलित लड़के की उसके शिक्षक द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने के बाद राज्य सरकार बैकफुट पर है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को न केवल विपक्ष बल्कि अपनी ही पार्टी के नेताओं से भी नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। इस घटना ने राज्य में कांग्रेस की अंदरूनी कलह भी खोल दी है। कांग्रेस नेता सचिन पायलट, जिन्होंने 2020 में मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ विद्रोह किया था, ने अपनी ही सरकार पर परोक्ष रूप से हमला किया और कहा, सरकार चीजों को हल्के में नहीं ले सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार को दलितों में विश्वास पैदा करना होगा, हम उनके साथ खड़े हैं। कोई दूसरा विकल्प नहीं है। सरकार को व्यवस्था बदलने के लिए कमियों पर काम करना चाहिए।
पायलट की अपनी ही सरकार की आलोचना ने राज्य में अगले साल होने वाले चुनाव से पहले एक बार फिर कांग्रेस के दो शीर्ष नेताओं के बीच खुली लड़ाई की अटकलों को हवा दे दी है। सी-वोटर इंडियाट्रैकर ने राजस्थान में कांग्रेस की अंदरूनी कलह के बारे में लोगों के विचार जानने के लिए आईएएनएस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वे किया। सर्वे के अनुसार, अधिकांश उत्तरदाताओं - 61 प्रतिशत का मानना है कि राजस्थान कांग्रेस में एक बार फिर गहलोत और पायलट के बीच खुली लड़ाई देखने को मिलेगी।
हालांकि, 39 फीसदी उत्तरदाताओं को ऐसा नहीं लगता। दिलचस्प बात यह है कि सर्वे के दौरान, जहां एनडीए के अधिकांश मतदाताओं - 70 प्रतिशत ने कहा कि गहलोत और पायलट विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर खुलेआम भिड़ेंगे, इस मुद्दे पर विपक्षी मतदाताओं के विचार अलग-अलग थे, जिनमें से एक बड़ा अनुपात - 54 प्रतिशत इसी तरह का जवाब दे रहे हैं। इस मुद्दे पर विभिन्न सामाजिक समूहों के विचारों के अनुसार, सर्वे से पता चला है कि अधिकांश अनुसूचित जाति (एससी) - 65 प्रतिशत, उच्च जाति हिंदू (यूसीएच) - 66 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति (एसटी) - 60 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का बड़ा हिस्सा - 53 फीसदी का मानना है कि राज्य में कांग्रेस के दो शीर्ष नेता एक बार फिर आमने-सामने होंगे।
(आईएएनएस)
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Created On :   18 Aug 2022 3:00 PM IST