चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में मायावती को बड़ा झटका, मिला वोट बैंक घटने का संकेत!

Mayawati got a big setback in the pre-poll survey, there was a sign of decreasing vote bank!
चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में मायावती को बड़ा झटका, मिला वोट बैंक घटने का संकेत!
यूपी चुनाव 2022 चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में मायावती को बड़ा झटका, मिला वोट बैंक घटने का संकेत!

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, सभी राजनीतक पार्टियां जोरशोर से चुनावी प्रचार में जुट गईं है। इसी कड़ी में मायावती ने शनिवार को लखनऊ में काशीराम की 15वीं जयंती के अवसर पर अपनी सियासी ताकत का एहसास कराया। वहीं चुनाव आयोग से न्यूज़ चैनलों के सर्वे पर रोक लगानें की मांग की। मायावती आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर लड़ाई में पीछे नजर नहीं आना चाहती हैं। आपको बता दें कि मायावती साल 2009 के बाद से देश में हर चुनाव हार रही हैं। ऐसे में यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव मायावती के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यूपी में सत्तारूढ़ बीजेपी के अलावा सपा, कांग्रेस तथा आम आदमी की सक्रियता ने मायावती की मुश्किलें बढ़ा रही हैं। मुस्लिम वोटों को लेकर भी मायावती का गणित एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी बिगाड़ रहे हैं। ओवैसी यूपी विधानसभा चुनाव से पहले लगातार जनसभाएं कर रहे हैं। जिससे विपक्षी पार्टियों को परेशान होना लाजिमी है क्योंकि ओवैसी सपा और बसपा पर जबरदस्त हमला बोलकर मुस्लिम वोटों को अपने पक्ष में लाना चाहते हैं।

लखीमपुर खीरी घटना पर ट्वीटर तक रहीं सीमित 

आपको बता दें कि मायावती ने लखीमपुर घटना पर राजनीतिक मुद्दा नहीं बना सकी और केवल ट्वीट कर संवेदनाएं प्रकट करती रहीं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस, सपा और आप जमीन पर उतरीं और गिरफ्तारी तक दी। जिससे सियासी माहौल काफी गरम हुआ। लेकिन मायावती केवल ट्वीटर पर जातीय समीकरण साधती नजर आ रही हैं। जिससे मायावती का ग्राफ यहां डाउन हुआ। यदि लखीमपुर खीरी घटना को छोड़ दिया जाए और बात करें किसानों की या फिर मंहगाई की तो यहां पर भी बीएसपी कहीं जमीनी संघर्ष करती नहीं दिखी। बसपा की ये उदासीनता आगे चलकर मुश्किलें खड़ी कर सकती है। 

ये है चुनावी सर्वे 

गौरतलब है कि चुनावी सर्वे में बताया गया है कि यूपी विधासभा 2017 में 22.2 फीसदी वोट पाने वाली बसपा आगामी चुनावों में 14. 7 प्रतिशत वोट हासिल कर पाएगी। जबकि भाजपा को यूपी में 41 फीसदी वोट मिलने के आसार है। और समाजवादी पार्टी के खाते में 32 फीसदी तथा कांग्रेस को 6 फीसदी वोट जा सकते हैं। इस वोट प्रतिशत के आधार पर भाजपा के खाते में 241 से 249 सीटें जा सकती है, जबकि बसपा 15 से 19 के सीटों के बीच सिमट कर रह जाएगी। इसी सर्वे को देखते हुए मायावती काफी परेशान दिखी और चुनाव आयोग से यूपी चुनाव से पहले चुनावी सर्वे पर रोक लगाने की पेशकश कर दी।

पंसदीदा नेता में भी माया पीछे

बता दें कि मायावती को सर्वे में 17 फीसदी लोगों ने बेहतर नेता बताया, जबकि 31 फीसदी लोगों ने अखिलेश यादव को और 41 फीसदी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को बेहतर नेता माना है। ये आंकड़े ही मायावती की चिंता का कारण बनें और यूपी में अपनी वापसी को लेकर आश्वस्त मायावती ऐसे सर्वे पर बैन की मांग करने लगी। 


 

Created On :   13 Oct 2021 6:53 PM IST

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