प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हट सकते हैं कमलनाथ, जोरों पर हैं इन नामों की चर्चा
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस में इन दिनों प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा जोरों शोरों पर हैं। पार्टी के अंदर ये अटकलें लगाई जा रही है कि कमलनाथ अब प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़कर अपना पूरा फोकस 2023 के विधानसभा चुनावों पर करना चाहते हैं। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष की कमान वो अपने किसी करीबी के हाथों सौंपना चाहते हैं। जिससे पार्टी संगठन और चुनाव दोनों पर लगाम लगा सकें। वहीं कुछ सूत्रों के मुताबिक सूबे में पार्टी प्रमुख का पद पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के खेमे में आने की बात भी हो रही है। ज्यादातर पार्टी नेता युवा चेहरे होने के नाते उनके बेटे जयवर्धन सिंह को इसके लिए पुख्ता चेहरे मान रहे है।
आपको बता दें अभी तक कमलनाथ प्रदेश अध्यक्ष और विपक्ष नेता का पद संभाले हुए है। कुछ दिन पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि कमलनाथ कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाए जा सकते है। कमलनाथ के दिल्ली जाने की उम्मीद, उनके पास दो पद के कारण मध्यप्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष बदलने के सुर सुनाई देने लगे हैं। इससे पहले कई कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष बदलने के बयान दिए।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में चले जाने के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस के दो गुट प्रभावी नजर आते है। सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद कमलनाथ और दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कांग्रेस पार्टी में अंतर्कलह का खामियाजा पहले भी पार्टी ने भुगता है। कमलनाथ के पास इन दिनों कांग्रेस की सारी ताकत है, लेकिन दिग्विजय के समर्थक अब सक्रिए हो गए हैं।
राजनीतिक परिस्थितियों, गठबंधन और प्रदेश संगठन और उपचुनावों में मिली हार की वजह ने संगठन में बदलाव के संकेत पहले से ही दे दिए थे। अब उन्हें अमली जामा पहनाना बाकी है। हालांकि प्रदेश संगठन में बदलाव की तैयारी काफी समय से चल रही थी। इसे लेकर कमल नाथ सभी वरिष्ठ नेताओं से प्रारंभिक चर्चा भी कर चुके हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कमलनाथ वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नई टीम बनाना चाहते हैं। कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस संगठन में संभावित बदलाव में कमलनाथ को भी महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है। हालांकि पार्टी की ओर से आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया।
प्रदेश अध्यक्ष पद के कई दावेदार
कमलनाथ फिलहाल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के अलावा नेता प्रतिपक्ष की कमान भी संभाले हुए है और एमपी में दौहरी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। ऐसे में अगर कमलनाथ प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ते हैं तो इस पद के लिए एमपी में कई दावेदार है। जिनमें फूल सिंह बरैया, जीतू पटवारी, सज्जन सिंह वर्मा, अरुण यादव, अजय सिंह, बाला बच्चन समेत कई दावेदार हैं। अभी हाल ही में दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह के बयान ने युवा चेहरे के तौर पर जयवर्धन सिंह को इस लिस्ट में शामिल कर दिया। खास बात यह है कि इन नेताओं में कोई दिग्विजय सिंह का खास माना जाता है तो कोई कमलनाथ समर्थक। ऐसे में अगर कमलनाथ पद त्यागते हैं तो यह जिम्मेदारी किसे मिलेगी यह कहना फिलहाल मुश्किल है।
दिग्विजय सिंह का खेमा और नाम
कांग्रेस के दिग्गज नेता सुभाष यादव के बेटे अरुण यादव, जो पहले भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके है, इसी के साथ पूर्व सीएम अर्जुन सिंह के पुत्र अजय सिंह पूर्व में नेता प्रतिपक्ष की कमान संभाल चुके है। जीतू पटवारी मध्य प्रदेश में कांग्रेस का बड़ा युवा चेहरा हैं साथ ही राहुल गांधी के खास चेहतों में शामिल है। एक उनके बेटे जयवर्धन सिंह और कमलेश्वर पटेल का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में शामिल हैं।
कमलनाथ खेमा
बात अगर कमलनाथ खेमे की जाए तो सज्जन सिंह वर्मा, बाला बच्चन, उमंग सिंघार और उनके बेटे नकुलनाथ का नाम शामिल है। हालांकि कयासों के बीच सज्जन सिंह वर्मा ने एक बार कहा था कि राजनीति की रेस मुझे रास नहीं आती। इसे लेकर सज्जन सिंह वर्मा ने कहा था प्रदेश में सेकेंड लाइन के नेताओं के हाथ में कमान दी जानी चाहिए। हालांकि इसी दौरान उन्होंने अपने आपको तीसरी लाइन का नेता बताया था।
नए चेहरे को मिल सकता है मौका
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद चंबल -ग्वालियर रीजन में कांग्रेस का स्थान रिक्त पड़ा है। यहां से दो प्रमुख चेहरों के नाम चर्चा में रहते है। डॉ गोविंद सिंह और फूल सिंह बरैया। गाोविंद सिह को दिग्विजय सिंह खेमे का माना जाता है। लेकिन पंजाब में जिस तरह से एक दलित चेहरे को चुनकर राहुल गांधी ने सब को चौंका दिया उसी तर्ज पर दलित वोट को अपने पाले में करने के लिए और चंबल में खाली इलाके को भरने के लिए फूल सिंह बरैया को भी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी जा सकती है। वैसे बरैया बीएसपी में प्रदेश अध्यक्ष रह चुके है। और इलाके के दलित वोटरों पर इनकी पकड़ मजबूत है। इससे पहले भी वो कांग्रेस से राज्यसभा का चुनाव लड़ चुके है जिसे वो हार गए थे।
चुनाव के जरिए तय होगा अध्यक्ष
मध्यप्रदेश कांग्रेस में पदों को लेकर संगठन के चुनाव आयोजित कराए जाने की खबर इन दिनों सुर्खियों में है। हाईकमान ने चुनाव चयन को लेकर चुनाव प्रभारियों को जिम्मेदारियां तय कर दी है।
Created On :   15 Feb 2022 2:50 PM IST