चुनावी साल में अभियानों की होड़, कोई कहेगा हाथ मिलाओ तो किसी ने शुरू किया गांव चलो अभियान, 2023-24 में किसकी मेहनत लाएगी रंग

Joining hands, go home and village campaign, campaigns are being run by political parties
चुनावी साल में अभियानों की होड़, कोई कहेगा हाथ मिलाओ तो किसी ने शुरू किया गांव चलो अभियान, 2023-24 में किसकी मेहनत लाएगी रंग
2024 लोकसभा इलेक्शन की तैयारी चुनावी साल में अभियानों की होड़, कोई कहेगा हाथ मिलाओ तो किसी ने शुरू किया गांव चलो अभियान, 2023-24 में किसकी मेहनत लाएगी रंग
हाईलाइट
  • 2024 आम चुनाव पर फोकस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 2024 लोकसभा चुनावों की तैयारियां हर दल ने शुरू कर दी है। हर राजनैतिक दल ने अपनी तरफ से अपने अपने हिसाब से अभियान शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा की सफलता को जनता को बतलाने के लिए हाथ से हाथ जोड़ो अभियान शुरू किया है। वहीं भाजपा ने अपनी शासित सरकार के नेतृत्व में हुए विकास को घर पहुंचाने के लिए घर चलो अभियान शुरू किया है। इस के बाद बात अगर बहुजन समाज पार्टी की जाए तो बीएसपी ने गांव चलो अभियान की शुरूआत की है। 

बीजेपी का गांव-गांव चलो घर-घर चलो
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनावी जीत का परचम लहरा रही बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनावों में फिर से विजयी फताका लहराने के लिए 'गांव-गांव चलो घर-घर चलो को चलाने का फैसला लिया है। बीजेपी इस खास अभियान की शुरूआत मार्च महीने से करने जा रही है। बीजेपी अपने इस अभियान के तहत पिछड़े समाज के मतदाताओं के घर घर तक पहुंच कर उनको पार्टी से जोड़ने का प्रयास कर रही है। हालांकि बीजेपी इस अभियान का इस्तेमाल यूपी में कुछ ही महीनों बाद होने वाले निकायों में करना चाह रही है। उसके बाद भाजपा इसका प्रयोग 2024 को आम चुनाव में कर सकती है। 

कांग्रेस का हाथ से हाथ मिलाओ अभियान

कांग्रेस पार्टी में पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में दक्षिण से लेकर उत्तर तक निकाली गई भारत जोड़ो यात्रा की सफलता को हर आदमी तक पहुंचाने के लिए पार्टी ने हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की शुरूआत की है। 

कांग्रेस पार्टी ने  भारत जोड़ो की यात्रा की सफलता को घर घर बतलाने के लिए कांग्रेस की ओर से हाथ से हाथ जोड़ो अभियान' 26 जनवरी से शुरू होगा। भारत जोड़ो यात्रा का संदेश आम लोगों तक पहुंचाने के लिए ये घर-घर अभियान चलाया जाएगा। हाथ से हाथ जोड़ो अभियान में  हमारे कार्यकर्ता जनता को मोदी सरकार की विफलताएं बताएंगे।

बीएसपी का गांव चले अभियान

वहीं बीएसपी ने जहां से शुरूआत की,वहीं से एक बार फिर वर्चस्व खोई पार्टी ने अपना अभियान स्टार्ट किया है। आपको बता दें बसपा संस्थापक कांशीराम ने पिछड़े समुदायों में राजनीतिक चेतना जगाने और उन्हें बीएसपी मूवमेंट से जोड़ने के लिए गांव को ही प्राथमिकता में रखा, या ये मानों गांवों को ही चुना था। कांशीराम ने बामसेफ के बलबूते गांवों में बसपा की जड़ें मजबूत की। आज जब बसपा के सामने अपने सियासी वजूद को बचाने की चुनौती है तो फिर बसपा के हाथी ने गांव की तरफ कदम बढ़ाना शुरू किया है। इसके लिए बसपा चीफ मायावती ने अपने पार्टी पदाधिकारियों को निर्देश दिए है।

हालांकि आपको बता दें बीजेपी को मात देने के लिए बसपा चीफ मायावती ने गांव चले अभियान की शुरूआत कर दी है, जिससे बीजेपी बैकफुट पर नजर आ रही है, यूपी में बसपा प्रमुख मायावती ने अभियान की कमान प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल के हाथों में सौंपी है। ऐसे में मायावती कांशीराम फॉर्मूले के जरिए गांव चले अभियान चला रही हैं ताकि सियासी तौर पर हाथी दोबारा खड़ा हो सकें।

 

 

 

Created On :   23 Jan 2023 5:59 PM IST

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