हिमाचल प्रदेश की सीएम कुर्सी को नहीं रास आता गैर राजपूत मुख्यमंत्री, जानिए अब तक कितने गैर राजपूत मुख्यमंत्रियों को गंवानी पड़ी सत्ता?
- देवभूमि को बर्दाशत नहीं ब्राह्मण सीएम
डिजिटल डेस्क, शिमला। सियासी कुर्सी को लेकर देवभूमि कहे जाने वाले हिमाचल प्रदेश की एक अनोखी कहानी है। हिमाचल प्रदेश के सियासी इतिहास पर गौर करे तो यहां एक विशेष जाति से संबंधित मुख्यमंत्रियों ने ही अपना कार्यकाल पूरा किया है। सूबे की सियासत में अभी तक कुल छह मुख्यमंत्री रहे हैं। जिनमें से 5 एक ही जाति से ताल्लुक रखते हैं। जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया है। वहीं एक अलग जाति से बने मुख्यमंत्री ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया। आइए जानते हैं कि आखिरकार क्या है हिमाचल प्रदेश के मुखिया की गद्दी का राज....?
कितने राजपूत बने मुख्यमंत्री
आपको जान कर हैरानी होगी कि, हिमाचल की सत्ता में एक अजब-सा दौर कई दशकों से चला जा रहा है। हिमाचल की सत्ता में अब तक के बने कई मुख्यमंत्रियों में से जितने लोगों ने CM पद पर रहते हुए अपना कार्यकाल पूरा किया है। वे सभी एक ही जाति के हैं। आपको बता दें कि, अभी तक प्रदेश में 6 मुख्यमंत्री बने हैं, जिनमें से मात्र 5 ने ही अपना कार्यकाल पूरा किया है, गौर करने वाली बात यह है कि, सभी एक ही जाति से ताल्लुक रखते हैं। 6 मुख्यमंत्रियों में से पांच बार राजपूत जाति के लोगों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद को संभाला है।
राजपूत नहीं तो सरकार नहीं
हिमाचल प्रदेश की सत्ता शुरू से ही राजपूतों के हाथ में ही रही है। आपको बता दें कि, प्रदेश मे 1977 के समय मुख्यमंत्री की गद्दी पहली बार गैर कांग्रेसी पार्टी के पास पहुंची थी। उस समय सत्ता बीजेपी के पास आ गई थी। तब बीजेपी ने किसी राजपूत को प्रदेश का मुखिया न बनाते हुए प्रदेश में पहली बार किसी गैर राजपूत को मुख्यमंत्री के पद पर बैठा दिया था। जो जाति से ब्राह्मण थे। जिसके कारण कुछ समय में ही प्रदेश में सियासी परिवर्तन की हवा चली और 1980 में शांता कुमार के नेतृत्व वाली बीजेपी की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करे बिना ही सत्ता से हट गई। यह पहली बार हुआ था, जब प्रदेश में कोई मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा करे बिना ही सत्ता से हट गया हो।
आपको बता दें कि, 1990 में एक बार फिर से बीजेपी सत्ता में आई। तब बीजेपी ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी ब्रह्माण को दे दी और शांता कुमार को दूसरी बार मौका देते हुए प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया। तब एक बार फिर इतिहास ने अपने आप को दोहराया और शांता कुमार एक बार फिर अपना कार्यकाल पूरा करे बिना ही सत्ता से रुख्सत हो गए।
BBC की एक रिपोर्ट के अनुसार, "शांता कुमार को हिमाचल में राजपूत मुख्यमंत्रियों के बीच अपवाद के तौर पर देखा जाता है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी हिमाचल प्रदेश के ब्राह्मण नेता हैं। कांग्रेस के आनंद शर्मा भी हिमाचल के ही ब्राह्मण नेता हैं लेकिन वीरभद्र सिंह के रहते वह प्रदेश में हाशिए पर ही रहे।"
कौन-कौन राजपूत बने प्रदेश के मुखिया
⦁ डॉ. यशवंत सिंह परमार, 8 मार्च 1952 से 31 अक्टूबर 1956, कांग्रेस, राजपूत
⦁ डॉ. यशवंत सिंह परमार, 1 जुलाई 1963 से 14 मार्च 1967, कांग्रेस, राजपूत
⦁ डॉ. यशवंत सिंह परमार, 14 मार्च 1967 से 15 मार्च 1972, कांग्रेस, राजपूत
⦁ डॉ. यशवंत सिंह परमार, 15 मार्च 1972 से 28 जनवरी 1977, कांग्रेस, राजपूत
⦁ रामलाल ठाकुर, 28 जनवरी 1977 से 30 अप्रैल 1977, कांग्रेस, राजपूत
⦁ राष्ट्रपति शासन, 30 अप्रैल 1977 22 जून 1977
⦁ शांता कुमार, 22 जून 1977 से 14 फरवरी 1980, भाजपा, ब्राह्मण
⦁ राम लाल ठाकुर, 14 फरवरी 1980 से 25 मई 1982, कांग्रेस, राजपूत
⦁ 24 मई 1982 से 7 अप्रैल 1983, कांग्रेस राजपूत
⦁ वीरभद्र सिंह, 8 अप्रैल 1983 से 8 मार्च 1985, कांग्रेस, राजपूत
⦁ वीरभद्र सिंह, 8 मार्च 1985 से 5 मार्च 1990, कांग्रेस, राजपूत
⦁ शांता कुमार, 5 मार्च 1990 से 15 दिसम्बर 1992 तक, भाजपा, ब्राह्मण
⦁ राष्ट्रपति शासन, 15 दिसंबर 1992 से 3 दिसंबर 1993
⦁ वीरभद्र सिंह, 3 दिसंबर 1993 से 4 मार्च 1998, कांग्रेस, राजपूत
⦁ 5 मार्च 1998 से 23 मार्च 1998, कांग्रेस, राजपूत
⦁ प्रेम कुमार धूमल, 24 मार्च 1998 से 5 मार्च 2003, भाजपा-हिविकां, राजपूत
⦁ वीरभद्र सिंह, 6 मार्च 2003 से 29 दिसंबर 2007, कांग्रेस, राजपूत
⦁ प्रेम कुमार धूमल, 30 दिसंबर 2007 से 24 दिसंबर 2012, भाजपा, राजपूत
⦁ वीरभद्र सिंह, 25 दिसंबर 2012 से 26 दिसंबर 2017, कांग्रेस, राजपूत
⦁ जयराम ठाकुर, 27 दिसंबर 2017 से अब तक, भाजपा, राजपूत
हिमाचल प्रदेश में अब तक कुल 14 बार मुख्यमंत्रियों का चुनाव हुआ है। जिसमे से प्रदेश में यशवंत सिंह परमार, ठाकुर राम लाल और शांता कुमार दो बार मुख्यमंत्री बने। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर सबसे ज्यादा बार वीरभद्र सिंह को जनता ने चुना। हिमाचल प्रदेश में अब तक दो बार राष्ट्रपति शासन भी लगा है।
Created On :   2 Nov 2022 4:23 PM IST