पार्टी के आयोजन में भारतीय मार्क्‍सवादियों के बीच कट्टर-उदारवादी मतभेद सामने आए

Hardline-moderate differences between Indian Marxists came to the fore in party organization
पार्टी के आयोजन में भारतीय मार्क्‍सवादियों के बीच कट्टर-उदारवादी मतभेद सामने आए
पश्चिम बंगाल पार्टी के आयोजन में भारतीय मार्क्‍सवादियों के बीच कट्टर-उदारवादी मतभेद सामने आए

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। सीपीआई-एम के कट्टर, अलग-अलग धड़े और उदारवादी लाइन के अनुयायियों के बीच अंतर पहली बार 2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर स्पष्ट हो गया था।

यह अंतर मंगलवार की शाम बंगाली, गणशक्ति में पार्टी के संगठन के 57वें वर्षगांठ समारोह कार्यक्रम में और भी स्पष्ट हो गया। इस अवसर पर अपना संबोधन देते हुए, पार्टी के पूर्व नेता प्रकाश करात, जिन्हें कट्टरपंथियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए जाना जाता है, ने वर्तमान तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार या मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बारे में एक शब्द भी नहीं बोला।

बल्कि, करात ने भाषण में ब्राजील और इटली में हाल के घटनाक्रम जैसे अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर जोर दिया। अपने एक घंटे लंबे भाषण के दौरान अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर संदर्भ के अलावा, पार्टी के पूर्व महासचिव ने इस बात पर जोर दिया कि, केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के बारे में आम लोगों की आम शिकायतों को कम करते हुए, हाल के गुजरात विधानसभा चुनावों में भाजपा अपने हिंदुत्व एजेंडे का फायदा उठाने में कैसे सफल हुई।

उसी समारोह में विपरीत पार्टी पोलित ब्यूरो के सदस्य और राज्य सचिव, मोहम्मद सलीम थे, जिन्हें उदारवादी गुट का प्रतिनिधित्व करने के लिए जाना जाता है। उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ तीखा हमला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सलीम ने कहा- त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली के लिए चुनाव पिछली वाम मोर्चा सरकार द्वारा शुरू किए गए थे, जो ग्रामीण सुविधाओं को ग्रामीण घरों तक पहुंचाने के विचार की आधारशिला थी। अब वर्तमान राज्य सरकार उसी का हथकंडा रच रही है। हमें याद है कि 2018 में पिछले ग्रामीण निकाय चुनावों में, जब नामांकन दाखिल करने के लिए जाने पर हमारी महिला उम्मीदवारों को किस तरह से पीटा गया था और उनके साथ मारपीट की गई थी। लेकिन 2023 में 2018 जैसा नहीं होगा।

उन्होंने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु के सबसे लंबे समय तक सेवा करने का भी उल्लेख किया। सलीम ने कहा, मार्क्‍सवादी खोखले वादे नहीं करते। ज्योति बसु ने हमें सिखाया कि हमें वह वादा करना चाहिए जो हम कर सकते हैं। हम केवल विकल्प दे सकते हैं। हमें लोगों के सपनों को हकीकत में बदलना होगा।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   3 Jan 2023 11:30 PM IST

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