टीआरएस के पूर्व सांसद नरसिया गौड़ भाजपा में शामिल
डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) से इस्तीफा देने के चार दिन बाद पूर्व सांसद बी. नरसैय्या गौड़ बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। गौड़ औपचारिक रूप से नई दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव और भाजपा महासचिव और तेलंगाना प्रभारी तरुण चुग ने पूर्व सांसद का पार्टी में स्वागत किया। इस मौके पर केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी और तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष बंदी संजय कुमार भी मौजूद थे।
गौड़ के साथ कुछ अन्य टीआरएस नेता भी भाजपा में शामिल हो गए। भोंगिर के पूर्व सांसद ने कहा कि वह राज्य के विकास और यहां के लोगों के कल्याण के लिए काम करना जारी रखेंगे। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने भोंगीर निर्वाचन क्षेत्र में कई विकास कार्य करवाए। गौड़ ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने देश और राज्य के विकास के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है। उन्होंने मुनुगोड़े विधानसभा उपचुनाव के लिए 3 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले पार्टी को झटका देते हुए 19 अक्टूबर को टीआरएस से इस्तीफा दे दिया था।
गौड़ ने पार्टी बदलने का मन बनाने से पहले नई दिल्ली में भाजपा नेताओं के साथ बैठक की थी। वह उपचुनाव में टीआरएस के टिकट के दावेदार थे। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने 13 अक्टूबर को टीआरएस उम्मीदवार कुसुकुंतला प्रभाकर रेड्डी के नामांकन दाखिल करने में भाग लिया था। 2009 के बाद राज्य के आंदोलन के दिनों से टीआरएस से जुड़े, गौड़ भोंगिर संसदीय क्षेत्र में पार्टी मामलों के प्रभारी थे। मुनुगोड़े भोंगीर निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। गौड़ उन कुछ टीआरएस नेताओं में से थे, जो मुनुगोड़े से चुनाव लड़ने के आकांक्षी थे, लेकिन नेतृत्व ने प्रभाकर रेड्डी को मैदान में उतारा, जिन्होंने 2014 में सीट जीती थी, लेकिन 2018 में हार गए थे।
गौड़ के भाजपा में शामिल होने से गौड़ समुदाय के वोट बटोरने के भाजपा के प्रयासों को बढ़ावा मिलने की संभावना है। टीआरएस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को लिखे अपने त्यागपत्र में उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी के भीतर अपमान का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें लोगों की समस्याओं का प्रतिनिधित्व करने के किसी भी अवसर से इनकार करना और पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले सामान्य मुद्दे भी शामिल हैं।
गौड़ ने यह भी याद किया कि उन्होंने तेलंगाना संयुक्त कार्रवाई समिति (टीजेएसी) के नेतृत्व में राज्य के लिए चले आंदोलन में भाग लेने के लिए डॉक्टर के रूप में अपनी प्रैक्टिस छोड़ दी थी। इस आंदोलन में टीआरएस प्रमुख भागीदार था। उन्होंने लिखा है कि भोंगिर के सांसद के रूप में उन्होंने एम्स, एक केंद्रीय विद्यालय, कई राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य विकास कार्यो को मंजूरी दिलाई थी। उन्होंने 2019 के संसदीय चुनावों में मामूली अंतर से अपनी हार के लिए पार्टी में कलह और टीआरएस के जैसा चुनाव चिन्ह दूसरी पार्टी को आवंटित किए जाने को जिम्मेदार ठहराया।
(आईएएनएस)
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Created On :   19 Oct 2022 8:30 PM IST