कभी ऑटो ड्राइवर रहे एकनाथ शिंदे ने ली सीएम पद की शपथ, जानें उनके राजनीतिक सफर के बारे में

Eknath Shinde, once an auto driver, will take oath as CM today, know about his political journey.
कभी ऑटो ड्राइवर रहे एकनाथ शिंदे ने ली सीएम पद की शपथ, जानें उनके राजनीतिक सफर के बारे में
महाराष्ट्र में शिंदे सीएम कभी ऑटो ड्राइवर रहे एकनाथ शिंदे ने ली सीएम पद की शपथ, जानें उनके राजनीतिक सफर के बारे में

डिजिटल डेस्क, मुंबई,राजा वर्मा । एकनाथ शिंदे आज सीएम पद की शपथ लेने वाले है। हाल ही में महाराष्ट्र में जिस तरह से सियासी हलचलों का पारा चढ़ा हुआ था उसका मुख्य किरदार हैं शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे। बागी गुट के मुख्य नेता शिंदे को 37 से अधिक शिवसेना के बागी विधायकों का समर्थन मिला है हालांकि शिंदे का दावा है कि उनको निर्दलीय सहित कुल 50 विधायकों का समर्थन है। 

एकनाथ शिंदे भले ही आज महाराष्ट्र के सीएम बनने वाले है लेकिन एक समय था जब वह एक ऑटो रिक्शा चलाते थे। 58 साल के शिंदे का पूरा स्कूली जीवन ठाणे में बीता। फिर उन्होंने यहां ऑटो रिक्शा चलाने का काम किया उसी दौरान उनका संपर्क शिवसेना के किसी नेता से हुआ जिन्होंने उनकी मुलाकात शिवसेना के प्रमुख बाला साहेब से कराई। उनके राजनीतिक जीवन की शुरूआत महज 18 साल में ही हो गई थी। 

एकनाथ शिंदे ने पहली बार 1997 में ठाणे से पार्षद का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज कर पार्षद बन गए। यही से उनका राजनैतिक सफर सही मायने में चल पड़ा। शिंदे 2004 में ठाणे विधानसभा से शिवसेना की ओर से विधायक बने। इसके बाद 2009,2014और 2014  में भी विधायक बनें। एकनाथ शिंदे के कद को आप इसी से समझ सकते है कि देवेन्द्र फडणवीस की सरकार में  वह लोक निर्माण मंत्री भी रह चुके है। महाविकास अघाड़ी सरकार में भी शिंदे शहरी विकास और पीडब्ल्यूडी विभाग के मंत्री थे। बता दें एकनाथ शिंदे ने अपनी राजनीतिक सफलता का श्रेय पार्टी के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे को देते रहे हैं। हाल ही में राजनीतिक सियासी हलचल पर जब उन पर सवाल उठाये जा रहे थे तब उन्होंने कहा थी कि वह बाला साहब के असली शिवसैनिक है।

महाविकास अघाड़ी सरकार में मुख्यमंत्री बनने से चूके थे शिंदे 

महाराष्ट्र में 2019 में  हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था। जिसमें बीजेपी और शिवसेना  गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिला था। बीजेपी को इस चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें प्राप्त हुई थी लेकिन दोनों ही पार्टियों में सीएम पद को लेकर बात नहीं बन पाई। 

शिवसेना ने अपनी धुर विरोधी रही कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने का ऐलान कर सबको चौंका दिया था। इसको महाविकास अघाड़ी गठबंधन  का नाम दिया गया और फैसला हुआ कि सीएम शिवसेना का ही होगा। उस समय यह माना जा रहा था कि शिवसेना में उद्धव ठाकरे के बाद कोई प्रमुख चेहरा है तो वह है एकनाथ शिंदे यही नहीं उनके समर्थक भी यही मान रहे थे कि शिंदे सीएम होंगे। शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे हमेशा मार्गदर्शक की भूमिका निभाते रहे हैं। उन्होंने कभी भी चुनाव नहीं लड़ा इसलिए यह तय माना जा रहा था ठाकरे परिवार से कोई सीएम नहीं बनता है तो शिंदे ही सीएम बनेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उद्धव ठाकरे सीएम बन गए। 

एकनाथ शिंदे का राजनीतिक सफर 

1997: ठाणे नगर निगम के लिए पहली बार पार्षद चुने गए
2001: ठाणे नगर निगम में सदन के नेता के पद के लिए चुने गए।
2002 : दूसरी बार ठाणे नगर निगम के लिए चुने गए
2004: पहली बार विधायक बनकर महाराष्ट्र विधान सभा पहुंचे 
2009 : दूसरी बार विधायक बनकर महाराष्ट्र विधान सभा पहुंचे 
2014 : तीसरी बार विधायक बनकर महाराष्ट्र विधान सभा पहुंचे 
अक्टूबर 2014 - दिसंबर 2014: महाराष्ट्र विधान सभा में विपक्ष के नेता बने 
2014 - 2019: महाराष्ट्र राज्य सरकार में पीडब्ल्यूडी कैबिनेट मंत्री बने
2014 - 2019: ठाणे जिले के संरक्षक मंत्री
2019: महाराष्ट्र राज्य सरकार में सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री 
2019 : लगातार चौथी विधायक बनकर महाराष्ट्र विधान सभा पहुंचे 
28 नवंबर 2019: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में महा-विकास-अघाड़ी के तहत कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।
2019: शहरी विकास और लोक निर्माण मंत्री (सार्वजनिक उपक्रम) बने 
2019: गृह मंत्री (कार्यवाहक) नियुक्त (28 नवंबर 2019 - 30 दिसंबर 2019)
 30 जून 2022: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में ली शपथ


 

 

Created On :   30 Jun 2022 5:48 PM IST

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