यूपी के लिए दलित या ब्राह्मण चेहरे की तलाश में कांग्रेस
- कांग्रेस खुद को सीधे बीजेपी के खिलाफ मजबूती से खड़ा करेगी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाल के विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस अब उत्तर प्रदेश में राज्य प्रमुख के पद के लिए दलित या ब्राह्मण चेहरे की तलाश कर रही है। साथ ही कई विकल्पों पर भी विचार-विमर्श किया जा रहा है।
403 सदस्यीय विधानसभा में पार्टी केवल दो सीटें जीत सकी।कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के पास सीमित विकल्प हैं। दलित चेहरे की ओर से पी.एल. पुनिया हैं, जो छत्तीसगढ़ के पार्टी प्रभारी हैं, जबकि ब्राह्मण चेहरे के रूप में प्रमोद तिवारी हैं, लेकिन उनकी बेटी आराधना मिश्रा विधायक दल की नेता हैं।
कांग्रेस विधानसभा चुनाव बुरी तरह से हार गई और उसे केवल 2 प्रतिशत वोट मिले, लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अब सक्रिय रहेगी, क्योंकि अब जनता जानती है कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी बीजेपी को नहीं हरा सकती। ऐसे में कांग्रेस का दायरा बढ़ेगा। अगला चुनाव लोकसभा के लिए होगा, जहां कांग्रेस खुद को सीधे बीजेपी के खिलाफ मजबूती से खड़ा करेगी।
पार्टी कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति करेगी जिसमें से एक चेहरा अल्पसंख्यक समुदाय से होगा। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के करीबी आचार्य प्रमोद कृष्णम ने 25 अप्रैल को सीतापुर जेल में सपा नेता मोहम्मद आजम खान से मुलाकात की।
2022 के विधानसभा चुनावों में पार्टी की शर्मनाक हार के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय कुमार लल्लू को इस्तीफा दिए एक महीने से ज्यादा का समय हो गया है।पार्टी संगठन सचिव अनिल यादव ने कहा, कांग्रेस के संविधान में यूपीसीसी प्रमुख की अनुपस्थिति में दिन-प्रतिदिन के काम की देखभाल करने वाले एक वरिष्ठ महासचिव के लिए प्रावधान किया गया है।उन्होंने कहा, वरिष्ठ महासचिव दिनेश सिंह यूपीसीसी के कामकाज को सुनिश्चित ढंग से संभाल रहे हैं।
(आईएएनएस)
Created On :   1 May 2022 5:30 PM IST