निवेशकों के लिए आसानी से जमीन उपलब्ध कराना मुख्यमंत्री का नया एजेंडा

Chief Ministers new agenda to make land easily available to investors
निवेशकों के लिए आसानी से जमीन उपलब्ध कराना मुख्यमंत्री का नया एजेंडा
उत्तर प्रदेश निवेशकों के लिए आसानी से जमीन उपलब्ध कराना मुख्यमंत्री का नया एजेंडा

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। यूपी में औद्योगिक निवेश को बढ़ाना अब योगी सरकार प्रमुखता है। जिसके तहत अब राज्य में निवेश के लिए पहल करने वाले निवेशक को आसानी से जमीन उपलब्ध कराना मुख्यमंत्री के नया एजेंडा बन गया है। इसकी पूर्ति के लिए यह तय हुआ है कि राज्य में इंफ्रास्ट्रक्च र से जुड़ी परियोजनाओं की रफ्तार बढ़ाने और निवेशकों को आसानी से जमीन उपलब्ध कराने के लिए हर जिले में भूमि की मैपिंग कराई जाएगी। इसमें वन क्षेत्र से लेकर सड़क व ग्राम सभा की जमीन तक शामिल है। ताकि निवेशकों को उद्यम की स्थापना के लिए जमीन मुहैया कराई जा सके। यहीं नहीं प्रधानमंत्री गति शक्ति अभियान के तहत बने पोर्टल में इन सबका डेटा लोड किया जाएगा।

राज्य सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार 10 विभाग अपनी सारी अनुमति व अनापत्ति प्रमाण पत्र देने की व्यवस्था गति शक्ति एनपी पोर्टल से लिंक करेंगे। इस पोर्टल पर यूपी के शहरी इलाकों में जलापूर्ति, पाइपलाइन, सीवर लाइन व ड्रेनेज के लिए मैपिंग करा कर उसकी जानकारी साझा की जाएगी। प्रदेश के सभी पर्यटक स्थलों व पुरातत्व महत्व के स्थलों की भी मैपिंग कराई जाएगी।

एक्सप्रेस वे, हाईवे और सड़कों की भी मैपिंग होगी। लोकनिर्माण विभाग व यूपीडा के साथ मिलकर एक्सप्रेस वे, हाईवे व अन्य सड़कों की मैपिंग कर उसके आंकड़ों को अपलोड करेगा। सरकार का मत है कि एक्सप्रेस वे और हाईवे के किनारे जमीन उपलब्ध कराकर औद्योगिक निवेश के रफ्तार को बढ़ाया जा सकता है।

राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने की यह कवायद आगामी तीन जून में लखनऊ में होने वाली तीसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से जुड़ी है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के बड़े औद्योगिक घरानों के मुखिया हिस्सा लेंगे। इनकी मौजूदगी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य में 75,000 करोड़ रुपए की लागत से शुरू होने वाली परियोजनाओं का ऐलान करेंगे। इसके साथ ही वह औद्योगिक निवेश के लिए यूपी सरकार क्या नई नीतियां लायेंगी, यह बताएंगे। उद्यमों की स्थापना के लिए आसानी से जमीन उपलब्ध कराने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है, यह भी बताया जाएगा। ताकि राज्य में अगले वर्ष होने वाले इन्वेस्टर समिट में ज्यादा से ज्यादा औद्योगिक निवेश को लाया जा सके।

योगी सरकार ने वर्ष 2018 में इन्वेस्टर समिट किया था, जिसमें 4.68 लाख करोड़ रुपए के 1045 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। अब मुख्यमंत्री चाहते हैं कि अगले वर्ष होने वाले इन्वेस्टर समिट में इससे दस लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव राज्य को प्राप्त हों, इसके लिए ही उन्होंने निवेशकों को आसानी से भूमि उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित किया है। इसके साथ ही सरकार ने ओडीओपी और एमएसएमई सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने की रणनीति पर कार्य शुरू कर दिया है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि यूपी में निवेशकों के लिये कई आसान प्राविधान किये गए हैं। सहूलियत के कारण में काफी औद्योगिक घराने के लोग आकर्षित हो रहे हैं।

 

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   19 May 2022 6:31 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story