मवेशी तस्करी: अनुब्रत मंडल के फरार सहयोगी को पकड़ने में जुटी सीबीआई
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुब्रत मंडल के अंगरक्षक सहगल हुसैन की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने मवेशी तस्करी मामले में अपनी जांच में मंडल के एक अन्य करीबी सहयोगी अब्दुल लतीफ के बारे में जानकारी हासिल की है। सीबीआई के अधिकारियों का मानना है कि लतीफ, जो वर्तमान में फरार है, ने पशु तस्करों से मुख्य कमीशन वसूली एजेंट के रूप में काम किया।
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि हुसैन की प्रारंभिक जांच और पूछताछ के आधार पर उन्हें इस बात की विशेष जानकारी मिली है कि कैसे हुसैन और लतीफ ने इस मवेशी तस्करी पर बने मंडल के साम्राज्य की दो भुजाओं के रूप में काम किया। एक तरफ, सूत्रों ने कहा कि लतीफ, बीरभूम जिले के बोलपुर के पास इलामबाजार में उत्तरी भारत के अन्य राज्यों से मवेशियों को लाने वाले पशु तस्करों से मंडल की ओर से कमीशन की वसूली के लिए जिम्मेदार था।
एक बार जब लतीफ ने अपने हिस्से की कटौती के बाद एकत्र किए गए कमीशन को जमा कर दिया, तो हुसैन की भूमिका उनके मुख्य कार्य के साथ शुरू होती थी, जो कि व्यापार के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था में विभिन्न प्रभावशाली लोगों के लिए उस अवैध आय के शेयरों को फेरी देना था। सीबीआई को लतीफ और हुसैन की करोड़ों रुपये की संपत्ति की जानकारी मिली है। हालांकि सूत्रों ने बताया कि पूछताछ प्रक्रिया के दौरान जब भी सीबीआई अधिकारियों द्वारा लतीफ का मुद्दा उठाया जाता है तो मंडल पूरी तरह से असहयोग की स्थिति में आ जाता है।
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, हमारा मानना है कि मंडल के पास लतीफ के ठिकाने के बारे में विशेष जानकारी है। लेकिन वह जानबूझकर उसे बचा रहा है क्योंकि उसे पता है कि एक बार जब हम लतीफ को अपनी हिरासत में ले लेंगे तो मंडल के लिए परेशानी और बढ़ जाएगी। पश्चिम बर्दवान जिले के आसनसोल में सीबीआई की विशेष अदालत में केंद्रीय एजेंसी द्वारा दायर अंतिम आरोपपत्र में हुसैन और लतीफ दोनों का नाम है।
(आईएएनएस)
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Created On :   13 Aug 2022 4:30 PM GMT