मणिपुर में दूसरी बार सत्ता में वापसी करेगी भाजपा
डिजिटल डेस्क, इंफाल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि मणिपुर में भाजपा आगामी विधानसभा चुनावों में सत्ता में वापसी करेगी क्योंकि पार्टी ने काफी वर्षों तक आतंकवाद से जूझ रहे राज्य में शांति बहाल कर दी है। गृह मंत्री ने कहा कि 2017 में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद लगातार नाकेबंदी, बंद और अन्य गड़बड़ी को रोक दिया गया है और विकास के लिए एक नया मिशन शुरू हुआ है। 60 सीटों वाली मणिपुर विधानसभा के लिए अगले साल फरवरी-मार्च में चुनाव होने की संभावना है। मणिपुर के अलावा उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में भी चुनाव होने हैं। शाह ने मणिपुर के तामेंगलोंग जिले के लुआंगकाओ गांव में दिल्ली से वर्चुअल तरीके से रानी गैदिनल्यू आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय की आधारशिला रखने के बाद कहा, मणिपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। आगामी विधानसभा चुनावों में दूसरी बार भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद राज्य का विकास और तेज होगा।
जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्रालय ने जनजातीय संग्रहालय परियोजना के लिए लगभग 15 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर में एक खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी, नए विधानसभा भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही करेंगे और राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए बड़ी संख्या में बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू की गई हैं। गृह मंत्री ने रानी गैदिनल्यू सहित मणिपुर के स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का माउंट हैरियट, जहां मणिपुर के महाराजा कुलचंद्र ध्वज सिंह और 22 अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को कैद किया गया था, का पिछले महीने नाम बदलकर माउंट मणिपुर कर दिया गया। शाह ने कहा कि देश के लिए उनके बलिदान को सम्मान देने और याद करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि 1857 की क्रांति के दौरान और 1891 में भी पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में अंग्रेजों का विरोध करने में मणिपुर का महत्वपूर्ण योगदान रहा था। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, मणिपुर के स्वतंत्रता सेनानियों ने हमेशा लड़ाई में अंग्रेजों का डटकर मुकाबला किया। मणिपुरी युद्ध नायक युवराज टिकेंद्रजीत और जनरल थंगल इंफाल को फिदा में सार्वजनिक रूप से फांसी दी गई थी। अंग्रेजों ने सोचा था कि उन्हें फांसी देकर, उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन को कुचल दिया है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उसके बाद महाराजा कुलचंद्र ध्वज सिंह और 22 स्वतंत्रता सेनानियों को काला पानी भेजा गया और उन्हें माउंट हैरियट द्वीप में रखा गया। केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा, मणिपुर के मुख्यमंत्री, उनके मंत्रिपरिषद और पूर्वोत्तर राज्य के लोकसभा सदस्य भी इस समारोह में शामिल हुए।
(आईएएनएस)
Created On :   22 Nov 2021 5:00 PM IST