देश को गृहयुद्ध में धकेलना चाहती है भाजपा

BJP wants to push the country into civil war
देश को गृहयुद्ध में धकेलना चाहती है भाजपा
आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी देश को गृहयुद्ध में धकेलना चाहती है भाजपा

डिजिटल डेस्क, पटना। राष्ट्रीय जनता दल के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि भाजपा धर्म संसद जैसे आयोजनों के जरिए देश को गृहयुद्ध में धकेलना चाहती है। तिवारी ने आईएएनएस से कहा, उत्तराखंड के हरिद्वार शहर में धर्म संसद का आयोजन किया गया, जहां कई चरमपंथी हिंदू संगठनों के नेताओं ने एक विशेष समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया और नरसंहार के लिए उकसाया।

केंद्र और राज्य सरकार देश में इस तरह के आयोजन की अनुमति क्यों दे रही है? चरमपंथी समूह खुलेआम नरसंहार के लिए भड़का रहे हैं। उनके कृत्यों का उद्देश्य देश को तोड़ना है। वे केवल चुनाव जीतने और सत्ता में रहने के लिए गृहयुद्ध भड़काना चाहते हैं। भारत के प्रधानमंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री क्या कर रहे हैं? उन्होंने पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में सेंध पर सवाल उठाया।

तिवारी ने कहा, देश के प्रधानमंत्री ने अपनी सुरक्षा में चूक के मुद्दा बनाया है.. एक ऐसी घटना, जिसमें किसान 1 किलोमीटर की दूरी पर बैठे थे। पीएम उस घटना पर टिप्पणी क्यों नहीं कर रहे हैं, जहां कई संगठनों के नेताओं ने लोगों को नरसंहार के लिए खुले तौर पर उकसाया? यह नरेंद्र मोदी सरकार का दोहरा मापदंड है।

लोकतंत्र में किसानों, छात्रों, बेरोजगार युवाओं, पीड़ितों को प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री के सामने विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है। सभी जानते हैं कि देश के किसान भाजपा सरकार से नाराज हैं, खासकर पंजाब और हरियाणा में जहां वे ज्यादा संख्या में हैं। पिछले साल तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष के दौरान 800 से अधिक किसानों ने अपनी जान गंवाई थी।

सुरक्षा में चूक की घटना के बाद भारत के शीर्ष न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच समिति का गठन किया है। इस समिति में एनआईए, आईबी और अन्य एजेंसियों के अधिकारी भी शामिल हैं। फिर भी, आप रिपोर्ट की प्रतीक्षा नहीं कर रहे हैं और जनता की सहानुभूति बटोरने के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है।

हमने बठिंडा में प्रधानमंत्री के काफिले के पास एक व्यक्ति को भाजपा का झंडा पकड़े हुए देखा। उन्होंने सार्वजनिक रूप से एक बयान भी दिया था और दावा किया था कि जब उन्होंने पीएम के काफिले को देखा, तो उन्होंने उनके पक्ष में नारे लगाए। मैं यह बताना चाहता हूं कि एसपीजी वहां क्या कर रही थी। उस आदमी को पीएम के काफिले के पास सड़क किनारे पहुंचने की इजाजत क्यों दी गई। भारत सरकार एसपीजी पर सालाना 600 करोड़ रुपये खर्च करती है, लेकिन उसके जवान प्रधानमंत्री को सुरक्षा मुहैया कराने में असमर्थ हैं।

(आईएएनएस)

Created On :   13 Jan 2022 8:30 PM IST

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