भूपेंद्र चौधरी को यूपी की कमान सौंप कर लोकसभा चुनाव की बीजेपी ने तैयारी शुरू कर दी है, जानिए किसानों की नाराजगी दूर करने का क्या है प्लान!
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सियासत में मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने हाल ही में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। जिसके बाद से नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश तेज हो गई थी। सियासी गलियारों में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कई बड़े नेताओं के नामों की चर्चा चलती रही लेकिन आज पार्टी नेतृत्व ने भूपेंद्र सिंह चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर सभी सियासी अटकलों पर विराम लगा दिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की रेस में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, एमएलसी विद्यासागर सोनकर और बीएल वर्मा जैसे तमाम नेताओं का नाम आगे चल रहा था लेकिन पार्टी आलाकमान ने तमाम जातीय समीकरण को साधते हुए भूपेंद्र चौधरी पर भरोसा जताया है।
गौरतलब है कि भूपेंद्र सिंह चौधरी जाट समुदाय से आते हैं तथा पश्चिमी यूपी में जाटों की अच्छी तादात है। ये समुदाय तीन कृषि कानून को लेकर बीजेपी से खफा चल रहे थे, हालांकि यूपी विधानसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने अपना फैसला बदल दिया और तीन कृषि कानून को वापस ले लिया था। जिसके बाद राकेश टिकैत के नेतृत्व में हो रहे किसान आंदोलन खत्म हुए थे। इस किसान आंदोलन में पश्चिमी यूपी के किसानों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। अब बीजेपी ने भूपेंद्र चौधरी को यूपी की कप्तानी देकर नया दांव खेला है और इससे साफ है कि बीजेपी ने 2024 लोकसभा चुनाव का खाका भी खींचा है।
केशव के ट्वीट पर उठे थे सवाल
हाल ही में यूपी सरकार में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के एक ट्वीट के बाद सियासत गर्मा गई थी और लोग कयास लगा रहे थे कि अब यूपी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी केशव प्रसाद मौर्य को दी जाएगी। हालांकि, अटकलें धरी की धरी रह गई और जाट नेता भूपेंद्र चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। राजनीतिक जानकारों की माने तो पार्टी संगठन से लेकर आलाकमान तक यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर काफी माथापच्ची के बाद जातीय समीकरण को साधते हुए अंत में भूपेंद्र सिंह चौधरी के नाम पर मुहर लगी। इस बार बीजेपी ने पिछड़ा, ब्राह्मण व दलित दलित को छोड़कर जाट नेता पर सियासी समीकरण बैठाया है। माना जा रहा है बीजेपी ने 2024 लोकसभा चुनाव की सियासी बिसात बिछाना शुरू कर दिया है।
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) August 21, 2022
सपा-रालोद के गढ़ पर बीजेपी की नजर
पंचायतीराज मंत्री मूपेंद्र चौधरी की पकड़ निचले स्तर तक के संगठन पर हैं और वे लगातार सभी संगठनों को सक्रिय बनाए हुए हैं। पहले भूपेंद्र चौधरी पश्चिम यूपी के प्रदेश अध्यक्ष थे, इस दौरान 2014 के आम चुनाव में भाजपा को पश्चिम यूपी में सभी सीटों पर जीत हासिल की। बीजेपी पार्टी के साथ वे लंबे समय से जुडें हैं। चौधरी बीजेपी में जिला से लेकर क्षेत्रीय अध्यक्ष के पद की जिम्मेदारियों पर कार्यरत रहे हैं। वे संघ के बेहद करीबी माने जाते हैं। पश्चिम यूपी में भूपेंद्र चौधरी जाट के बड़े नेता है।
भाजपा ने ऐसा जाट वोटों को साधने और वहां के सभी मतदाताओं के संगठन को एक साथ जोड़कर चलाने के लिए किया है। इस समय उत्तर प्रदेश में विपक्ष के लिए सबसे बड़ा केंद्र जाटलैंड यानी पश्चिमी यूपी ही है इसलिए भी भाजपा ने पश्चिमी यूपी में जाट वोटों पर और ज्यादा मजबूत बनाने के लिए तथा विपक्ष को कड़ी टक्कर देने के लिए भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष के रुप में भूपेंद्र चौधरी को चुना है। गौरतलब है कि भाजपा ने पश्चिमी यूपी में 2024 लोकसभा चुनाव को देखते हुए भी यह फैसला किया लिया है।
Created On :   25 Aug 2022 8:01 PM IST