असम ने बंद पेपर मिलों के कर्मचारियों के लिए राहत पैकेज का वितरण शुरू किया

Assam starts distribution of relief package for employees of closed paper mills
असम ने बंद पेपर मिलों के कर्मचारियों के लिए राहत पैकेज का वितरण शुरू किया
असम असम ने बंद पेपर मिलों के कर्मचारियों के लिए राहत पैकेज का वितरण शुरू किया

डिजिटल डेस्क, गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को सरकार द्वारा संचालित हिंदुस्तान पेपर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के नगांव पेपर मिल और कछार पेपर मिल के 2,751 पूर्व कर्मचारियों और कामगारों को राहत पैकेजों का वितरण शुरू किया।

गुवाहाटी के श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम में, मुख्यमंत्री ने सरकार के मानवीय इशारे के तहत राहत पैकेज का वितरण शुरू किया और राहत पैकेज की कुल लागत 810.02 करोड़ रुपये होगी, जिससे दो बंद पेपर मिलों के 2,751 कर्मचारियों को लाभ होगा। इनमें 2,003 नियमित कर्मचारी और 748 संविदा कर्मचारी शामिल हैं।

हैलाकांडी जिले में एचपीसीएल की कछार पेपर मिल में उत्पादन 20 अक्टूबर, 2015 को बंद हो गया, जबकि मोरीगांव के जगीरोड में नौगांव पेपर मिल 13 मार्च, 2017 से बंद है।

इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि असम सरकार ने यह कदम पिछले 5 से 6 वर्षों से मिलों के संचालन न होने के कारण पूर्व कर्मचारियों, कामगारों और उनके परिवारों को होने वाली कठिनाई को देखते हुए उठाया है।

सरमा ने कहा कि इस राहत पैकेज के तहत 25 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ एक ट्रस्ट बनाया जाएगा और इसका उपयोग चिकित्सा लाभ, शैक्षिक सहायता, पूर्व कर्मचारियों और कामगारों की सामाजिक सहायता जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि असम सरकार कछार पेपर मिल की भूमि पर एक नई पेपर मिल खोलने के लिए प्रयास करेगी और नगांव पेपर मिल की भूमि का उपयोग राजधानी क्षेत्र के विस्तार के लिए किया जाएगा।

राज्य सरकार ने जहां मिलों के 84 पात्र पूर्व कर्मचारियों को रोजगार देने के लिए कदम उठाए हैं, वहीं मुख्यमंत्री ने गुरुवार को ऐसे 66 कर्मचारियों को इस अवसर पर नियुक्ति पत्र वितरित किए।

पिछले साल सितंबर में सरकार और दोनों पेपर मिलों की यूनियनों के बीच कई चर्चाओं के बाद एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

दो पेपर मिलों को फिर से खोलने की मांग को लेकर पिछले कई वर्षों से आंदोलन की अगुवाई कर रही मान्यता प्राप्त यूनियनों की संयुक्त कार्रवाई समिति के अनुसार, दो मिलों के बंद होने के बाद से अब तक 103 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 3 ने आत्महत्या कर ली है।

 

सॉर्स-आईएएनएस

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Created On :   8 July 2022 1:00 AM IST

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