असम पुलिस ने महिलाओं को भावनात्मक, सामाजिक सहायता देने विशेष प्रकोष्ठ बनाया
- हिंसा पीड़ितों को विशेष प्रशिक्षण
डिजिटल डेस्क, गुवाहाटी। असम पुलिस ने बुधवार को 34 में से 10 जिलों में विशेष प्रकोष्ठ का गठन किया, ताकि पेशेवर पूर्णकालिक सामाजिक कार्यकर्ताओं से गुणवत्तापूर्ण मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और कानूनी सेवाओं के माध्यम से परेशान महिलाओं को आपराधिक न्याय प्रणाली (सीजेएस) ढांचे के भीतर भावनात्मक और सामाजिक समर्थन दिया सके।
पुलिस महानिदेशक भास्करज्योति महंत ने डिब्रूगढ़, शिवसागर, सोनितपुर, नगांव, कामरूप (ग्रामीण), कार्बी आंगलोंग, कछार, बारपेटा, कोकराझार और धुबरी जिलों में 10 पुलिस स्टेशनों के लिए असम में महिलाओं के लिए विशेष प्रकोष्ठ का शुभारंभ किया।
टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (टीआईएसएस) ने असम सरकार के गृह विभाग और समाज कल्याण विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जो सामाजिक कार्यकर्ताओं, परामर्शदाताओं और राज्य समन्वयकों के माध्यम से इन विशेष प्रकोष्ठों का संचालन करेगा।
असम पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि अनुभवी और प्रशिक्षित पार्षदों का चयन किया गया है और उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि हिंसा पीड़िता की जरूरतों और चिंताओं को एक सुविधाजनक माहौल में संबोधित किया जाता है और ये विशेष प्रकोष्ठ 10 जिलों के सदर पुलिस स्टेशनों से संचालित होंगे।
टीआईएसएस ने यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट के मोमेंटम कंट्री एंड ग्लोबल लीडरशिप : इंडिया-यश के नेतृत्व में झपीगो और चाइल्ड इन नीड इंस्टीट्यूट (सिनी) के साथ दो साल की अवधि के लिए इन विशेष कोशिकाओं को संचालित करने के लिए सहयोग किया है।
असम पुलिस प्रमुख ने कहा कि राज्य पुलिस महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध से निपटने और लिंग आधारित हिंसा से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस खतरे से निपटने के लिए एक बहु-विषयक दृष्टिकोण की जरूरत पर भी बल दिया कहा कि पुलिस, गैर सरकारी संगठनों, समाज कल्याण विभाग और गृह विभाग और अन्य हितधारकों को इस मुद्दे के समाधान के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।
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Created On :   9 Jun 2022 12:00 AM IST