जिस गांव में जीतेजी कभी नहीं आ सके भगत सिंह, वो गांव कैसे उनका हो गया, जहां आज भगवंत मान ने ली शपथ

AAP formed its own government, for the first time in 75 years any political party remembered Bhagat Singh
जिस गांव में जीतेजी कभी नहीं आ सके भगत सिंह, वो गांव कैसे उनका हो गया, जहां आज भगवंत मान ने ली शपथ
‘शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले’ जिस गांव में जीतेजी कभी नहीं आ सके भगत सिंह, वो गांव कैसे उनका हो गया, जहां आज भगवंत मान ने ली शपथ

डिजिटल डेस्क, अमृतसर। पंजाब विधानसभा चुनाव में धमाकेदार प्रदर्शन कर प्रचंड बहुमत हासिल करने वाली "आम आदमी पार्टी, आज प्रदेश में अपनी सरकार बना ली है। भगवंत सिंह मान ने शहीद भगत सिंह के गांव खटकर कलानी में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। लेकिन इस बीच सबसे बड़ा चर्चाओं का मुद्दा बना हुआ है भगत सिंह का नाम, क्योंकि अब से पहले भी सूबे की कमान कई दिग्गजों ने संभाली है पर भगत सिंह चुनावी मुद्दा कभी नहीं बने।

अब अचानक भगत सिंह सूबे के सियासी पटल पर छाए हुए हैं।  शुरूआत तब हुई जब आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने खुद को भगत सिंह का चेला बता दिया। उस वक्त राजनीति तो खूब हुई, लेकिन अब भगत सिंह के गांव पर एक बार फिर बसंती रंग चढ़ा कर आप ये साबित कर रही है कि देश के नाम कुर्बान होने वाले भगत सिंह का नाम महज राजनीति के लिए उपयोग नहीं किया। बल्कि अब भगत सिंह हर बार पंजाब के लिए खास होने वाले हैं। 

जीत के बाद भगवंत का ऐलान

पंजाब चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद ये तो तय था कि भगवंत मान ही मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन इस नई पारी का आगाज इतना जबरदस्त होगा किसी ने नहीं सोचा था। पंजाब की राजधानी या गर्वनर हाउस में शपथ लेने की जगह भगवंत मान ने भगत सिंह के गांव में शपथ ग्रहण करने का ऐलान किया। ये उनके नए सियासी सफर की पहली सियासी हाईलाइट थी। जिसके जरिए वो अब तक सुर्खियों में छाए हुए हैं। 

बांसती रंग में रंगा भगत सिंह का गांव

सूबे का कप्तान शपथ लेने पहुंचे उससे पहले ही भगत सिंह के गांव की कायापलट हो गई। अब तक जिस गांव का नाम लोग नहीं जानते थे उस बार बार सर्च किया जा रहा है। जिस गांव की तरफ पहले शायद ही किसी राजनेता या सियासी दल ने रूख किया होगा उस गांव में आज सूबे का हर अधिकारी और राजनेता जुटा हुआ है। भगत सिंह के पसंदीदा गीत मेरा रंग दे बसंती चोला की तर्ज पर एक एक नेता बसंती बाना पहन कर पंजाब के इस एतिहासिक पल का भागी बन रहा है। जब एक शहीद के गांव में एक नेता राज्य की जनता की सेवा की शपथ लेने पहुंचा है। 

पंजाब की सियासत में भगत सिंह की एंट्री-

केजरीवाल ने खुद को बताया चेला

विपक्षी नेताओं द्वारा आतंकवादी कहने पर आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने आपने आप को भगत सिंह का चेला बताया था। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, " ये सारे भ्रष्टाचारी मुझे आतंकवादी बोल रहे हैं। मैं दुनिया का पहला आतंकवादी हूं, जो लोगों के लिए स्कूल बनवाता है,अस्पताल बनवाता है,बिजली ठीक करता है। दुनिया का मैं पहला “स्वीट आतंकवादी” हूं। अंग्रेज भगत सिंह से खौफ खाते थे। इसलिए उन्हें आतंकवादी बोलते थे। मैं भगत सिंह का चेला हूँ।"

दरअसल, ये बात सच है कि अंग्रेजी शासन के खिलाफ विद्रोह करने पर भगत को शासन द्वारा आतंकवादी घोषित कर दिया गया था। भगत सिंह के प्रपौत्र यादवेन्द्र सिंह संधु ने 2019 में कहा था, दिल्ली यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रम में "भारत का स्वतंत्रता संघर्ष" नामक एक पुस्तक पढ़ायी जाती है। इस किताब में भगत सिंह के बारे में जगह-जगह "क्रांतिकारी आतंकवादी" लिखा गया है।
    
इंकलाब जिंदाबाद का नारा दोहराया

स्वतंत्रा संग्राम के दौरान भगत सिंह द्वारा दिया गया नारा "इंकलाब जिंदाबाद", एक बार फिर से पंजाब की फिजा में गूंजने लगा है। बहुमत हासिल करने के बाद, जब पंजाब के लोगों को केजरीवाल ने धन्यवाद स्पीच दी, तो उन्होंने इस सम्बोधन की शुरुआत "इंकलाब जिंदाबाद" के नारे से ही की थी। 

कौन सा है भगत सिंह का गांव

भगत सिंह का गांव खटकर कलां है, जो भारतीय राज्य पंजाब में शहीद भगत सिंह नगर जिले में बंगा शहर के बाहर पड़ता है। हालांकि, भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर, 1907 को लायलपुर जिले के बंगा में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। खटकड़ कलां को उनका पैतृक गांव कहा जाता है। 

भगत सिंह खुद कभी खटकड़ कलां गांव में नहीं रहे, लेकिन बंटवारे के बाद उनका परिवार पाकिस्तान से आकर यहां बस गया था।

इस गांव में शहीद-ए-आजम भगत सिंह संग्रहालय है, उनकी 50वीं पुण्यतिथि पर गांव में खोला गया था।

Created On :   16 March 2022 1:46 PM IST

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