Nagpur News: 5 दिन में कांग्रेस में लौट आए अनीस अहमद, बोले पार्टी से बाहर गया ही नहीं

5 दिन में कांग्रेस में लौट आए अनीस अहमद, बोले पार्टी से बाहर गया ही नहीं
  • मुंबई में वरिष्ठ पदाधिकारियों की उपस्थिति में लिया कांग्रेस में प्रवेश
  • नामांकन दर्ज कराने में तकनीकी कारणों का दिया था हवाला
  • कांग्रेसी फिर होने लगे एकजुट

Nagpur News विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारी के लिए वंचित बहुजन आघाड़ी में प्रवेश लेने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री अनीस अहमद कांग्रेस में लौट आए हैं। मुंबई में वरिष्ठ पदाधिकारियों की उपस्थिति में उन्होंने कांग्रेस में प्रवेश लिया। 5 दिन में पार्टी में वापसी के संबंध में उन्होंने कहा है-मैं पार्टी से बाहर गया ही नहीं। पार्टी में रहकर ही मैंने वंचित बहुजन आघाडी का उम्मीदवार संबंधी एबी फार्म लिया था। नामांकन दर्ज कराने में तकनीकी कारणों से विलंब के कारण मेरा नामांकन स्वीकर नहीं किया गया।

प्रकाश आंबेडकर ने दी थी उम्मीदवारी : मध्य नागपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की उम्मीदवारी नहीं मिलने पर अनीस अहमद ने 28 अक्टूबर को वंचित बहुजन आघाडी में प्रवेश लिया था। मुंबई के राजगृह में आघाडी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने उनका सत्कार किया था। साथ ही मध्य नागपुर के लिए उम्मीदवार घोषित किया था। 29 अक्टूबर को नामांकन दर्ज कराने का अंतिम दिन था। दोपहर 3 बजे तक निर्वाचन अधिकारी कक्ष पहुंचना था लेकिन अहमद 1 मिनट विलंब से पहुंचे। उन्हें सुरक्षा कर्मचारियों ने निर्वाचन अधिकारी कक्ष में जाने नहीं दिया। लिहाजा, अहमद उम्मीदवार नहीं बन पाए। इस मामले को लेकर अहमद ने प्रशासन पर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि उनकी उम्मीदवारी रोकने के लिए दबाव डाला गया है। हालांकि यह भी चर्चा थी कि वंचित बहुजन आघाडी व एमआईएम से अन्य उम्मीदवार मैदान में नहीं आने देने के लिए कांग्रेस ने अहमद के माध्यम से पालिटिकल गेम खेला।

वरिष्ठ मंत्री रहे हैं : अनीस अहमद का राजनीतिक करियर 1982 में शुरू हुआ। वह कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआई में शामिल हुए। 1987 में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष बने। 1990 में नागपुर सेंट्रल से पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और छह वोटों से हार गए। 1995 में वह नागपुर सेंट्रल सीट से पहली बार विधायक चुने गए। 1996 में वह चीफ व्हिप बने। 1999 में दूसरी बार विधानसभा चुनाव जीतने के बाद वह महाराष्ट्र के मंत्री बने। 2004 में फिर से वह विधायक बने और उन्हें सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। 2009 में वह नागपुर पश्चिम में चले गए लेकिन हार गए। 2014 में अनीस अहमद नागपुर सेंट्रल में वापस आए लेकिन फिर से हार गए। 2019 में उन्हें टिकट नहीं मिला। 2024 में भी टिकट न मिलता देख वह भड़क गए और कांग्रेस छोड़कर वंचित आघाडी में शामिल हो गए।

Created On :   2 Nov 2024 5:25 PM IST

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