विधानसभा सत्र: स्टालिन सरकार ने पेश किया तमिलनाडु को स्वायत्त करने का प्रस्ताव, क्या केंद्र से मिलेगी मंजूरी?

स्टालिन सरकार ने पेश किया तमिलनाडु को स्वायत्त करने का प्रस्ताव, क्या केंद्र से मिलेगी मंजूरी?
  • तमिलनाडु में जारी विधानसभा सत्र
  • स्टालिन सरकार ने पेश किया स्वायत्त प्रस्ताव
  • केंद्र सरकार से मिलेगी मंजूरी?

डिजिटल डेस्क, चैन्नई। तमिलानाडु में विधानसभा सत्र जारी है। इस बीच मंगलवार को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य को स्वायत्त बनाने का प्रस्ताव पेश किया। इस दौरान उन्होंने सदन में कहा कि देश को आजाद हुए 75 साल हो गए। हमारे देश में अलग-अलग भाषा, जाति और संस्कृति के लोग रहते हैं। हम सब मिल जुलकर रहते हैं। सीएम स्टालिन ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने देश की राजनीति और प्रशासन की प्रणाली को इस तरह बनाया कि सभी की रक्षा की जा सके। बता दें, राज्यपाल से तनातनी के बीच विधानसभा में सीएम स्टालिन ने स्वायत्त प्रस्ताव पेश किया है।

सीएम स्टालिन ने पेश किया स्वायत्त प्रस्ताव

विधानसभा में सीएम स्टालिन ने कहा कि राज्य के अधिकारों की रक्षा और केंद्र-राज्य के रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है। इस समिति में पूर्व अफसर अशोक शेट्टी और एम.यू. नागराजन जैसे लोग शामिल होंगे। यह समिति जनवरी 2026 तक एक अंतरिम रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद समिति दो साल के अंदर अपनी पूरी रिपोर्ट और सिफारिशें सरकार को सौंपेगी।

इस दौरान विधानसभा में सीएम स्टालिन ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक-एक करके राज्यों के अधिकार छीने जा रहे हैं। राज्य के लोग अपने मौलिक अधिकारों के लिए केंद्र सरकार से संघर्ष कर रहे हैं। हम अपनी भाषा से जुड़े अधिकारों की भी मुश्किल से रक्षा कर पा रहे हैं। सीएम स्टालिन ने कहा कि राज्य तभी सही मायने में तरक्की कर सकते हैं, जब उनके पास सभी ज़रूरी अधिकार और शक्तियां हों।

इसके बाद सीएम स्टालिन ने बताया कि राज्यों को अधिक स्वायत्ता (अधिकार) देने की सिफारिश करने के लिए एक विशेष समिति बनाई जा रही है, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज कुरियन जोसेफ करेंगे। इस समिति में पूर्व IAS अधिकारी अशोक वरदान शेट्टी और नागराजन भी सदस्य होंगे।

केंद्र ने खारिज किया था नीट प्रस्ताव

बता दें, कुछ समय पहले तमिलनाडु सरकार ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET से छूट पाने के संबंध में केंद्र सरकार को बिल भेजा था। लेकिन, तब केंद्र सरकार ने बिल को खारिज कर दिया था। दरअसल, स्टालिन सरकार की मांग थी कि मेडिलक कॉलेज में एडमिशन 12वीं के मार्केस के आधार पर हो। हालांकि, केंद्र ने तर्क देते हुए कहा था कि ऐसा करना राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के खिलाफ है। इससे राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा।

केंद्र सरकार के नीट एग्जाम से जुड़ा प्रस्ताव खारिज होने के बाद सीएम स्टालिन ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने केंद्र के फैसले को तमिलनाडु का अपमान बताया था। इतना ही नहीं बल्कि स्टालिन ने इसे संघवाद (फेडरलिज्म) के लिए एक काला दौर बताया था। सीएम स्टालिन ने कहा, "भले ही केंद्र सरकार ने हमारे प्रस्ताव को ठुकरा दिया हो, लेकिन हमारी लड़ाई खत्म नहीं हुई है। हम इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देंगे और कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेंगे।"

Created On :   15 April 2025 4:57 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story