दिल्ली में क्यों हुआ तख्ता पलट!: दिल्ली में AAP का कैसे हुआ बंटाधार! PK ने गिनाई ये तीन खामियां, जिससे आसान हुई BJP की सत्ता में वापसी

दिल्ली में AAP का कैसे हुआ बंटाधार! PK ने गिनाई ये तीन खामियां, जिससे आसान हुई BJP की सत्ता में वापसी
  • दिल्ली में आप की हुई करारी हार
  • भाजपा की 27 सालों बाद वापसी
  • पीके ने 3 कारणों में बताई हार की वजह

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में इस साल के चुनाव परिणाम आम आदमी पार्टी के लिए निराशाजनक साबित हुए हैं। बीते दो विधानसभा चुनाव में दिल्ली की सत्ता में बरकरार रहने वाली आप को भाजपा से करारी हार मिली है। दरअसल, इस बार आप दिल्ली की 70 में से 22 सीटों पर ही सिमट कर रह गई। वहीं, भाजपा ने 27 सालों के बाद ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। हालांकि, ताज्जुब की बात तो यह है कि इस बार के चुनाव में अरविंद केजरीवाल, सौरभ भारद्वाज, मनीष सिसोदिया समेत आप के कई बड़े दिग्गज नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा है। इस बीच चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने आप के हारने के पीछे तीन वजह गिनाई हैं। तो आइए जानते हैं कि आखिर दिल्ली में आप के हाथों से सत्ता कैसे फिसली है।

पीके ने गिनाई हार के तीन कारण

हाल ही में प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत के दौरान दिल्ली में आप के चुनाव हारने के पीछे गवर्नेंस, गठबंधन और अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की वजह बताई है। पीके ने कहा, "AAP काडर बेस पार्टी कभी नहीं रही। वह आंदोलन से निकली हुई पार्टी है, जिसने जनता ने जितवाया था। जो उसके समर्थक हैं, वही चुनाव के दौरान उसके वॉलंटियर बन जाते हैं। वह कोई आपका प्रतिबद्ध काडर नहीं है। उसको लगा कि आप एक नई तरह की राजनीतिक व्यवस्था का प्रतिनिधित्व करती है और उसने जितवा दिया।"

इसके बाद पीके ने कहा, "दूर से तीन-चार बातें समझ आ रही हैं। एक तो गवर्नेंस के अभाव की वजह से एंटी इनकंबेंसी थी। इस टर्म में शिक्षा को छोड़कर कोई नहीं बात जनता को नहीं दिखी। गवर्नेंस पिछले पायदान पर दिखा खासकर मॉनसून के दौरान, जिस तरह जलभराव हुआ, मोहल्ला क्लीनिक ध्वस्त हो गए। यमुना पर जो आपने वादे किए थे, पॉलुशन की जो समस्या है। जो लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले विषय हैं, उनमें कोई सुधार नहीं दिखा। एक उसका असर रहा ही होगा।"

इंडिया गठबंधन से दूरी भी जिम्मेदार

इतना ही नहीं बल्कि, प्रशांत किशोर ने आप की हार के लिए इंडिया गठबंधन से दूरी को भी मुख्य कारण बताया है। उन्होंने कहा, 'आम आदमी पार्टी जो पार्टी विद डिफरेंस का टैग लेकर आई थी, वो धीरे-धीरे कमजोर हो गया। इंडिया गठबंधन का हिस्सा होना और नहीं होना, दोनों से उसकी पॉजिशनिंग समझ नहीं आई. आप लोकसभा में साथ लड़े और विधानसभा में अलग। एक जो बड़ा वर्ग है जो कहता था कि ऊपर मोदी नीचे केजरीवाल, वह आपके हाथ से निकल गया। वह वर्ग जो चाहता है कि आप मोदी को हराने के लिए इंडिया गठबंधन के साथ रहें, वह भी नाराज हो गया और दोनों ओर से नुकसान हो गया।"

इसके अलावा पीके ने अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की टाइमिंग को भी आप के हार के कारण में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि इस्तीफे की वजह से केजरीवाल को दोहरा नुकसान झेलना पड़ा है। पीके ने कहा, "तीसरी बात जो स्ट्रैटजिक ब्लंडर उनसे हुआ, जब केजरीवाल जी पर शराब घोटाले का मामला सामने आया तो उन्हें जेल जाने से पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था। वो अगर हाई मोरल ग्राउंड पर इस्तीफा दे देते तो उन्हें एक फायदा सकता था। लोगों को लगता कि ये वो राजनीतिक लोग हैं, जो ऐसे मापदंड रख रहे हैं कि मेरे ऊपर आरोप लगा तो मैं पद छोड़ दूंगा। जब आप छूटकर आए तो आपने पद छोड़ दिया तो वो वर्ग भी नाराज हो गया जो चाहता था कि हर हाल में केजरीवाल ही सीएम रहें। तीनों जो बड़े फैसले हैं, गवर्नेंस, राजनीतिक पोजिशनिंग और इस्तीफे को लेकर तीनों में स्पष्टता की कमी रही।"

Created On :   24 Feb 2025 5:20 PM IST

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