भास्कर एक्सक्लूसिव: 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' से साल की शुरुआत, बढ़ा जनाधार, लोकसभा में 'बाउंस बैक', प्रियंका गांधी की बड़ी जीत, जानिए कैसा रहा कांग्रेस के लिए साल 2024?
- कांग्रेस के लिए मिला-जुला रहा ये साल
- यूपी-महाराष्ट्र में पार्टी ने किया कमाल
- प्रियंका गांधी की पहली चुनावी जीत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साल 2024 अलविदा कहने वाला है और नया साल 2025 दस्तक दे रहा है। ये साल भारतीय राजनीतियों के लिए कई मायनों में अहम साबित हुआ है। भारतीय राजनीति में ये साल उतार-चढ़ाव और बदलावों से भरा रहा, क्योंकि इस साल लोकसभा चुनाव के साथ-साथ कई राज्यों में विधानसभा चुनाव भी हुए। कांग्रेस को कभी भारतीय राजनीति में सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी मानी जाती थी। लेकिन आगामी कुछ वर्षो से पार्टी की खराब रणनीति ने इसे कमजोर कर दिया। फिर भी पार्टी ने इस साल अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिशें जारी रखीं। ऐसे में ये साल कांग्रेस पार्टी के लिए कुछ सकारात्मक उपलब्धियों तो कुछ नकारात्मक पहलुओं और चुनौतियों से भरा रहा। एक ओर जहां कुछ राज्यों में जीत ने पार्टी को संजीवनी दी, तो वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय स्तर पर कमजोर प्रदर्शन ने पार्टी की चुनौतियों को उजागर किया। इस साल पार्टी की रणनीतियां और नेतृत्व के फैसले उनके भविष्य की दिशा तय करने में अहम साबित हुई हैं। आइए, कुछ सकारात्मक और नकारात्मक पॉइंट्स से समझते हैं कि साल 2024 कांग्रेस के लिए कैसा रहा।
लोकसभा में कांग्रेस का प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर
कांग्रेस ने साल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया। पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 52 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, इस बार के चुनाव में कांग्रेस ने कुल 99 सीटों पर जीत हासिल की। इसके चलते कांग्रेस ने न केवल लोकसभा दस साल से खाली पड़े नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी हासिल की बल्कि, सदन में अपनी स्थिति भी मजबूत की।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन की ओर से अगुवाई करते हुए बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए को 293 सीटों पर रोक दिया। इस चुनाव में बीजेपी को 240 सीटें मिली। एनडीए की सरकार चलाने में टीडीपी की 16 और जेडीयू की 12 सीटें काफी महत्वपूर्ण है। वहीं, इंड़िया गठबंधन ने 234 सीटें हासिल की। जिसमें कांग्रेस को 99 सीटें मिली। ऐसे में कांग्रेस ने बीजेपी के लगातार दो बार से चले आ रहे पूर्ण बहुमत वाली विजयी रथ को इस बार के लोकसभा चुनाव में रोक दिया।
कांग्रेस की सफलता और सकारात्मक पहलू-
1. यूपी में लोकसभा चुनाव में जीत से बढ़ी उम्मीदें
साल 2024 में उत्तर प्रदेश कांग्रेस के लिए उम्मीद वाला रहा। यहां 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी 17 सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवारें उतारी थी। इनमें समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के तहत मिली 17 में से 6 सीटों पर कांग्रेस पार्टी को जीत मिली। उसके बाद, कर्नाटक विधानसभा उपचुनाव में भी कांग्रेस ने अपना परचम लहराया। यहां मतदान के तीनों सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की। ऐसे में इन सभी राज्यों में क्रांगेस की जीत ये साबित करती है कि पार्टी छोटे राज्यों में भी जमीनी स्तर पर काम कर सकती है।
2. राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा'
2024 के शुरुआत में राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा किया। ये राजनीतिक यात्रा ने कांग्रेस को जनता से जुड़ने और पार्टी की छवि को बेहतर बनाने में मदद की। इस यात्रा के जरिए राहुल गांधी ने बेरोजगारी, महंगाई और समाज में बढ़ती असमानता जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की। इससे पार्टी की छवि बेहतर हुई और युवाओं में भी पार्टी के प्रति रुचि बढ़ी। ये यात्रा पार्टी की विचारधारा को मजबूत करने में भी सहायक रही।
3. महागठबंधन का हिस्सा बनना
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस ने अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर इंडिया गठबंधन बनाया। इस गठबंधन का मुख्य उद्देश्य बीजेपी के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा खड़ा करना था। कांग्रेस ने इस गठबंधन में अपनी एक अहम भूमिका निभाई, जिससे वो राष्ट्रीय राजनीति में अपनी स्थिति को मजबूत करने में सफल हुई।
4. वायनाड में प्रियंका गांधी की जीत
कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी इस साल राजनीतिक मुद्दे को लेकर काफी सक्रिय रही हैं। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में प्रियंका ने रैलियों और जनसभाओं के जरिए कांग्रेस के लिए माहौल बनाया। वहीं, इनकी वायनाड उपचुनाव जीत ने भारतीय राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ लिया। केरल के वायनाड सीट से पहली बार चुनाव मैदान में उतरीं प्रियंका गांधी ने यहां कांग्रेस के लिए जीत हासिल की। उनकी छवि एक "युवा और सक्रिय" नेता की बनी हुई है, जो महिलाओं और किसानों के मुद्दों पर खुलकर बात करती हैं।
5. युवाओं पर फोकस
2024 में कांग्रेस ने युवा नेताओं को बढ़ावा देकर नई पीढ़ी के मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश की। पार्टी ने कई युवा नेताओं को जिम्मेदारियां दीं, जिससे ये संदेश गया कि पार्टी बदलाव की ओर बढ़ रही है। छात्र संगठनों और युवा समूहों के जरिए कांग्रेस ने जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की। प्रियंका गांधी और अन्य युवा नेताओं ने इस साल पार्टी को नई दिशा देने के लिए मेहनत की, जिससे युवाओं में पार्टी के प्रति रुचि बढ़ी।
6. शहरी और युवा मतदाताओं से दूरी
इस साल कांग्रेस शहरी और युवा मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में काफी हद तक सफल रही। इस बार डिजिटल और सोशल मीडिया में भी कांग्रेस की उपस्थिति काफी मजबूत रही। इसलिए, पार्टी ने युवाओं के बीच जगह बनाने के लिए अपनी ऑनलाइन रणनीति और सोशल मीडिया में उपस्थिति मजबूत की।
कांग्रेस की चुनौतियां और नकारात्मक पहलू-
अब जब हमने कांग्रेस के कुछ सकारात्मक उपलब्धियों को देख लिया है तो चलिए पार्टी के कुछ नकारात्मक पहलुओं और चुनौतियों को भी देख लेते हैं।
1. राज्यों में कमजोर प्रदर्शन
कई प्रमुख राज्यों जैसे बिहार और पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की स्थिति 2024 में भी कमजोर रही। इन राज्यों में पार्टी का प्रदर्शन उसके पुराने गौरवशाली दिनों के मुकाबले बहुत खराब रही। वो गठबंधन पर निर्भर रही। इसके अलावा मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में भी अपनी सत्ता बनाए रखने में पार्टी असफल रही।
2. नेतृत्व पर उठे सवाल
कांग्रेस के नेतृत्व को लेकर सवाल उठते रहे। पार्टी के अंदरूनी झगड़े और नेतृत्व की कमजोरियों ने कई बार कांग्रेस को मुश्किल में डाला। जहां राहुल गांधी को लेकर विरोधी दलों ने उनपर "अनिर्णायक" और "कमजोर नेता" होने का आरोप लगाया। पार्टी के अंदर भी कुछ वरिष्ठ नेताओं ने नेतृत्व की शैली पर सवाल उठाया। वहीं कुछ नेता पार्टी छोड़कर अन्य दलों में शामिल हो गए।
4. वित्तीय संसाधनों की कमी
बीजेपी की तुलना में कांग्रेस के पास चुनाव प्रचार के लिए संसाधनों की भारी कमी रही। चुनावी प्रचार और संगठन संबंधी ढांचे के लिए कांग्रेस के पास पर्याप्त वित्तीय संसाधन नहीं थे। इस कारण बीजेपी के विशाल प्रचार व्यवस्था और संसाधनों के सामने कांग्रेस की रणनीति कमजोर साबित हुई। इससे उनकी पहुंच सीमित हो गई।
2024 कांग्रेस के लिए एक ऐसा साल था, जिसने उसे अपनी रणनीतियों, संगठन और नेतृत्व में सुधार की जरूरतों का एहसास कराया। ये साल भारतीय राजनीति में कांग्रेस की भूमिका और भविष्य के लिए एक अहम मोड़ साबित हुआ। ऐसे में अगर कांग्रेस को भविष्य में सफल होना है, तो उसे जमीनी स्तर पर संगठन मजबूत करना होगा और युवाओं को जोड़ने के लिए एक ठोस कदम भी उठाने होंगे।
कैसा रहा कांग्रेस के लिए चुनावी साल
ऐसे में कह सकते हैं कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया। लेकिन, वह केंद्र में अपनी सरकार इस बार भी नहीं बना सकी। अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, हरियाणा में पार्टी को झटका लगा। महाराष्ट्र चुनाव में भी कांग्रेस एमवीए की सरकार बनाने में विफल रही। वहीं, आंध्र प्रदेश, सिक्किम में कांग्रेस की सरकार नहीं बनी। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर और झारखंड में इंडिया गठबंधन का दबदबा कायम रहा। लेकिन जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस ने पिछले चुनाव के मुकाबले काफी बेहतर प्रदर्शन नहीं किया। लेकिन सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यूपी और महाराष्ट्र में कमाल कर दिखाया। वहीं, हरियाणा में भी लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी शानदार प्रदर्शन किया। ऐसे में कह सकते हैं कि कांग्रेस के लिए यह साल मिला-जुला रहा।
Created On :   21 Dec 2024 5:21 PM IST