दिल्ली सियासत: CM रेखा गुप्ता ने GTB अस्पताल का किया दौरा, बदहाल व्यवस्थाओं को लेकर पूर्ववर्ती केजरीवाल सरकार को घेरा

CM रेखा गुप्ता ने GTB अस्पताल का किया दौरा, बदहाल व्यवस्थाओं को लेकर पूर्ववर्ती केजरीवाल सरकार को घेरा
  • CM रेखा गुप्ता ने GTB अस्पताल का किया दौरा
  • CM रेखा गुप्ता ने पूर्ववर्ती केजरीवाल सरकार को घेरा
  • सीएजी रिपोर्ट पर दिल्ली में सियासत गर्म

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने GTB अस्पताल का दौरा कर निरीक्षण किया। इसके बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यहां 166 वेंटिलेटर और 36,000 पीपीई किट पड़ी हैं। जिसका इस्तेमाल नहीं किया गया है। यहां का स्वास्थ्य विभाग बीमार है।

सीएम रेखा गुप्ता ने मीडिया से कहा- ये पूरा गोदाम पूरी तरह भरा है। यहां 166 वेंटिलेटर और 36,000 पीपीई किट पड़ी हैं। यह एक अस्पताल की बात नहीं बल्कि कई अस्पतालों का हाल है। दिल्ली सरकार के अस्पताल और यहां का स्वास्थ्य विभाग बीमार है। जो लोग चिल्ला रहे हैं कि 2500 रुपए दीजिए वे (AAP) पहले यह देखें कि वे दिल्ली को किस हाल में छोड़कर गए हैं।

सीएजी रिपोर्ट पर सियासत गर्म

बता दें कि, हर दिन दिल्ली की पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी सरकार को लेकर नए-नए खुलासे हो रहे हैं। जिसके आप और बीजेपी नेताओं के बीच भी खूब बयानबाजी हो रही है। 8 फरवरी को दिल्ली चुनाव के नतीजे आए थे। जिसके बाद 27 सालों के बाद दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनी। वहीं, दस साल से दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी बाहर हो गई।

इसके बाद से ही सीएजी रिपोर्ट को लेकर चर्चा जारी है। कैग रिपोर्ट को लेकर बीजेपी आम आदमी पार्टी को घेरने में लगी हुई है। हाल में आरोप लगे है कि दिल्ली में कोरोना के दौरान केंद्र सरकार की ओर से दी राहत को केजरीवाल ने देरी में लागू किया था। इसके अन्य कई आरोप लगे हैं।

सीएजी रिपोर्ट पर चर्चा के अंत में स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने रिपोर्ट को लोक लेखा समिति को तीन महीने में रिपोर्ट देने के लिए भेज दिया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से एक महीने के भीतर सीएजी निष्कर्षों पर कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा।

28 फरवरी को सदन में पेश की गई सीएजी ऑडिट रिपोर्ट में महामारी के दौरान फंड के कम उपयोग की बात कही गई है। कोविड से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए कुल 787.91 करोड़ रुपये में से केवल 582.84 करोड़ रुपये का ही उपयोग किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि दवाइयों और आपूर्ति (जैसे पीपीई और मास्क) के लिए जारी किए गए 119.85 करोड़ रुपये में से 83.14 करोड़ रुपये का उपयोग नहीं किया गया।

Created On :   4 March 2025 8:38 PM IST

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