विधानसभा चुनाव 2023: राजस्थान के जैसलमेर जिले में चलता है जातियों का फैक्टर
- जैसलमेर जिले में दो विधानसभा सीट
- जैसलमेर और पोकरण दोनों सामान्य सीट
- 2018 में दोनों सीटों पर कांग्रेस का कब्जा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान सीमा के पास स्थित जैसलमेर जिले को गोल्डन सिटी के नाम से जाना जाता है। जैसलमेर में स्थित किले को स्वर्ण किले से जाना जाता है। जैसलमेर जिले में दो विधानसभा सीट पोकरण और जैसलमेर है ,दोनों ही सीट सामान्य सीट है। जैसलमेर सीट राजस्थान के साथ साथ देश की सबसी बड़ी विधानसभा सीट है। पोकरण विधानसभा सीट परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। यहां हर बार नया चेहरा ही चुनाव में जीतता है, अभी तक दो विधायक हुक्म सिंह और छोटू सिंह दो बार जीते है। 2018 के चुनाव में जिले की दोनों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी।
जैसलमेर विधानसभा सीट
2018 में कांग्रेस से रूपाराम
2013 में बीजेपी से छोटू सिंह भाटी
2008 में बीजेपी से छोटू सिंह भाटी
2003 में बीजेपी से सांग सिंह भाटी
जैसलमेर विधानसभा सीट पर जातियों का अधिक प्रभाव देखने को मिलता है। यहां हर जाति के वोटर्स है। राजपूत, ब्राह्मण अल्पसंख्यक, एसीसी-एसटी, विश्नोई, जाट,गोस्वामी अन्य ओबीसी मतदाता हैं। क्षेत्र में एससी और एसटी वोटर्स भी ठीकठाक है, बीएसपी यहां बीजेपी और कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ा कर देती है। 2018 के विधानसभा चुनाव में डेढ़ दशक बाद कांग्रेस से इस सीट पर जीत दर्ज की थी। उससे पहले इस पर बीजेपी का कब्जा था। जैसलमेर को बीजेपी का गढ़ माना जाने लगा था। लेकिन 2018 में कांग्रेस ने बड़ा उलटफेर किया था। जैसलमेर में पानी, बिजली, सड़क और स्वास्थ्य से जुड़ी बेसिक सुविधाओं का अभाव है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस सामान्य सीट पर दलित चेहरे को उम्मीदवार बनाया था, और उसके पक्ष में मतदाताओं ने फैसला सुनाया।
पोकरण विधानसभा सीट
2018 में कांग्रेस से सालेह मोहम्मद
2013 में बीजेपी से शैतान सिंह
2008 में कांग्रेस से सालेह मोहम्मद
परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई पोकरण विधानसभा सीट पर 2008 में पहली बार चुनाव हुआ था। 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस ने विजय हासिल की थी, कांग्रेस ने अपना दांव चलते हुए यहां से मुस्लिम उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा था। पोकरण विधानसभा में एससी के 15 फीसदी और एसटी के करीब 6 फीसदी मतदाता है। जबकि 19 फीसदी मतदाता मुस्लिम है। यहां बीजेपी, बीएसपी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होता है। यहां एससी और मुस्लिम फेक्टर कार्य करता है। हालांकि पोकरण मुस्लिम राजपूत बाहुल्य क्षेत्र है। जबकि दलित वोट यहां निर्णायक भूमिका में होता है।
Created On :   2 Nov 2023 7:05 PM IST