BPSC candidate protest: सरकार ऐसे तानाशाही कर के हमारी आवाज़ को दबा नहीं सकती, पुलिस के लाठीचार्ज पर बोले प्रदर्शनकारी छात्र

सरकार ऐसे तानाशाही कर के हमारी आवाज़ को दबा नहीं सकती, पुलिस के लाठीचार्ज पर बोले प्रदर्शनकारी छात्र
  • बीपीएससी अभ्यार्थियों के प्रदर्शन ने लिया बड़ा रूप
  • सीएम हाउस की तरफ बढ़ रहे छात्रों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज
  • भड़के छात्रों ने पुलिस को एक्शन को बताया तानाशाही

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में बीपीएससी छात्रों के प्रदर्शन ने अब बड़ा रूप ले लिया है। पटना के गांधी मैदान में छात्र संसद करने के बाद स्टूडेंट्स सीएम नीतीश कुमार से मिलने सीएम आवास की ओर कूच करने लगे थे। इस दौरान पुलिस ने जेपी गोलंबर के नजदीक छात्रों को रोक लिया। पुलिस द्वारा उनसे बातचीत करने की पेशकश की गई लेकिन छात्र सीएम से मिलने की मांग पर अड़े हुए थे। जिसके बाद पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।

इसके साथ ही छात्रों के समर्थन के लिए जन सुराज पार्टी के मुखिया प्रशांत किशोर भी गांधी मैदान आए थे। वह भी छात्रों के साथ सीएम हाउस की ओर बढ़ रहे थे। उन पर उनकी पार्टी के अध्यक्ष समेत 600-700 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

भड़के छात्र

पुलिस के लाठीचार्ज से भड़के छात्रों ने राज्य सरकार पर निशाना साधा। मीडिया से बात करते हुए एक छात्रा ने कहा, "एक लोकतांत्रिक देश में ऐसा तानाशाह कैसे हो सकता है। हम लोग छिप भी रहे थे तब भी लाठीचार्ज किया गया। सरकार अगर सोच रही है कि ऐसे तानाशाही कर के वो हमारी आवाज़ को बंद कर देंगे, वो गलत है । हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक री एग्जाम नहीं हो जाता।"

री-एग्जाम पर फैसले तक जारी रहेगा प्रोटेस्ट

एक अन्य छात्र ने कहा, "सरकार ने छात्रों को मारापीटा है, आपने ये दिखाया है कि ब‍िहार में तानाशाही अब भी कायम है। ये उबाल नहीं खत्म होगा। आपने बच्चों को तोड़ा है, उनके कलम नहीं तोड़ पाएंगे। ये प्रोटेस्ट जारी रहेगा, जब तक री एग्जाम नहीं करवा लेते हैं।"

क्या है छात्रों की मांग?

प्रदर्शन कर रहे बीपीएससी अभ्यार्थियों की मांग है कि एकीकृत 70वीं संयुक्त प्रांरभिक प्रतियोगी परीक्षा को रद्द कर उसे नए सिरे से कराया जाए। इसके अलावा प्रश्न पत्र की तैयारी से लेकर परीक्षा होने तक की पूरी प्रक्रिया की गहन जांच की भी अभ्यार्थियों मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए एक एसओपी का गठन हो जिससे छात्रों को अनावश्यक परेशानियों का सामना न करना पड़ा।

Created On :   30 Dec 2024 1:41 AM IST

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