Year Ender 2024: लोकसभा में पटरी से उतरी 'ट्रेन', विधानसभा चुनाव में की जबरदस्त वापसी, जानिए बीजेपी के लिए कैसा रहा साल 2024

लोकसभा में पटरी से उतरी ट्रेन, विधानसभा चुनाव में की जबरदस्त वापसी, जानिए बीजेपी के लिए कैसा रहा साल 2024
  • लोकसभा चुनाव में बीजेपी को लगा था झटका
  • महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव में की शानदार वापसी
  • जम्मू-कश्मीर के जम्मू रीजन में किया बेहतरीन प्रदर्शन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीजेपी के लिए साल 2024 काफी उतार चढ़ाव भरा है। साल के पहले महीने यानी 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से बीजेपी ने लोकसभा चुनाव प्रचार का आगाज किया। बीजेपी ने पिछले दो लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए अकेले दम पर बहुमत हासिल किया था। लेकिन साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। हालांकि, एनडीए में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बीजेपी को अपना समर्थन दिया। जिसके चलते केंद्र में मोदी सरकार की केंद्र में वापसी हो पाई।

इस बार के बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए ने 293 सीटें हासिल की। जिसमें बीजेपी को 240 सीटें मिली। एनडीए की सरकार चलाने में टीडीपी की 16 और जेडीयू की 12 सीटें काफी महत्वपूर्ण है। वहीं, इंड़िया गठबंधन ने 234 सीटें हासिल की। जिसमें कांग्रेस को 99 सीटें मिली। ऐसे में कांग्रेस ने बीजेपी के लगातार दो बार से चले आ रहे पूर्ण बहुमत वाली विजयी रथ को इस बार के लोकसभा चुनाव में रोक दिया।

लोकसभा चुनाव में बीजेपी को महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से बड़ा झटका लगा। यूपी में आरएसएस और बीजेपी के बीच तालमेल की कमी दिखाई दी। वहीं, महाराष्ट्र में बीजेपी सीधे तौर पर बैकफुट पर दिखाई दी। इसके अलावा पश्चिम बंगाल से भी ज्यादा सीटों की उम्मीद पाले बैठे बीजेपी शीर्ष नेताओं को झटका लगा।

सिक्किम में एनडीए की बनी सरकार

इसके अलावा लोकसभा चुनाव के साथ हुए सिक्किम विधानसभा चुनाव में एनडीए की सरकार बनी। जिसमें सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा ने राज्य की 32 में से 31 सीटों पर जीत हासिल की। यहां बहुमत के लिए 17 सीटों की अवाश्यकता थी। लेकिन यहां सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा को केवल एक सीट पर हार मिली। इसके अलावा राज्य की विपक्षी पार्टी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट को राज्य में केवल एक सीट मिली। वहीं, बीजेपी को राज्य में एक भी सीट नहीं मिली। लेकिन बीजेपी ने सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा को अपना समर्थन दिया। जिसके चलते राज्य में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के नेतृत्व में एनडीए की सरकार है।

ओडिशा में बीजेपी ने किया कमाल

वहीं, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में भी लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव हुए थे। ओडिशा में बीजेपी ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया। राज्य की 147 सीटों में से बीजेपी को 78 सीटें मिली। यहां बहुमत के लिए 74 सीटों की अवाश्यकता होती है। वहीं, राज्य में बीजेडी को 51 और कांग्रेस को 14 सीटें मिली। राज्य में कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ा था।

अरुणाचल प्रदेश में भी बीजेपी ने हासिल की जीत

वहीं, 60 राज्यों वाले अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार जीत हासिल की । यहां भी लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव हुए। पार्टी ने यहां पेमा खांडू के नेतृत्व में 46 सीटें जीतीं। वहीं, विपक्ष की नेशनल पीपुल्स पार्टी को 5, कांग्रेस को 1 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को 3 सीटें मिली। इसके अलावा अन्य पार्टियों को 2 सीटें मिली।

आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू ने की वापसी

175 सीटों वाले आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी टीडीपी के नेतृत्व में एनडीए ने शानदार प्रदर्शन किया। राज्य में एनडीए की ओर से टीडीपी ने 135, जनसेना पार्टी 21 और बीजेपी ने 8 सीटों पर जीत हासिल की। ऐसे में एनडीए ने बहुमत के आंकड़ों को पार करते हुए 164 सीटें जीतीं। राज्य में बहुमत का आंकड़ा 88 है। वहीं, राज्य में वाईएसआर कांग्रेस ने 11 सीटों पर जीत हासिल की। जिसके चलते राज्य में वाईएसआर कांग्रेस की सरकार गिर गई। यहां चंद्रबाबू नायडू वाली सरकार को बीजेपी और पवन कल्याण की पार्टी जनसेना का सहयोग मिला।

हरियाणा में बीजेपी ने की जबरदस्त वापसी

लोकसभा चुनाव के बाद 5 अक्टूबर को हरियाणा में विधानसभा हुए। माना जा रहा था कि कांग्रेस को यहां बड़ी जीत मिल सकती है। क्योंकि, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को राज्य की 10 में से 5 सीटों पर जीत मिली। लेकिन लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन से गदगद कांग्रेस को हरियाणा ने बड़ा झटका दिया। वहीं, एंटी इनकंबेंसी के चलते ऐसा लग रहा था कि बीजेपी को यहां जीत नहीं मिल पाएगी। लेकिन बीजेपी ने यहां आरएसएस के साथ मिलकर काम किया। जिसका फायदा चुनाव नतीजे में देखने को मिला। 90 विधानसभा सीटों वाले हरियाणा में बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत हासिल की। यहां बहुमत के लिए 46 सीटों की जरुरत थी। लेकिन बीजेपी ने शानदार वापसी करते हुए इस बार बहुमत के आंकड़े को भी पार किया। पिछली बार यहां बीजेपी जेजेपी के नेतृत्व में अपनी सरकार बनाई थी। लेकिन इस बार बीजेपी ने 89 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे। वहीं, कांग्रेस को यहां केवल 37 सीटें मिली।

जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने किया बेहतरीन प्रदर्शन

2014 के बाद जम्मू-कश्मीर में इस साल अक्टूबर महीने में विधानसभा चुनाव हुए। राज्य में 90 सीटों पर चुनाव हुए। जिसमें जम्मू क्षेत्र में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया। इंडिया गठबंधन की ओर से जेएमएम ने 34, कांग्रेस ने 16, आरजेडी ने 4 और सीपीआई-एमएल-एल ने 2 सीटें जीती हैं। एनडीए ने राज्य में केवल 24 सीटें जीती हैं। एनडीए की ओर से बीजेपी ने 21 और अन्य सहयोगी दलों ने 3 सीटें जीती हैं। इसके अलावा अन्य सहयोगी दलों ने 1 सीट जीती है।

लेकिन कश्मीर रीजन में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने शानदार प्रदर्शन किया। जिसके चलते नेशनल कॉन्फ्रेस ने राज्य की 90 में से 42 सीटों पर जीत हासिल की। इंडिया गठबंधन को राज्य में कुल 49 सीटों पर जीत मिली। जिसमें कांग्रेस की 6 सीटें थीं। इधर, बीजेपी ने राज्य में 29 सीटों पर जीत हासिल की। इसके अलावा अन्य को आठ सीटें मिली।

महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव

महाराष्ट्र में भी लोकसभा चुनाव के दौरान इंडिया गठबंधन ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। लेकिन, नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन/महाविकास अघाड़ी ने काफी खराब प्रदर्शन किया। वहीं, महायुति/एनडीए ने राज्य की 288 सीटों में से 233 सीटों पर जीत हासिल की। जिसमें बीजेपी को 132, शिवेसना को 57 और एनसीपी को 41 सीटें मिली। वहीं, एनडीए के अन्य सहयोगी को कुल 3 सीटें मिली। इधर, इंडिया गठबंधन यानी एमवीए को केवल 49 सीटें मिली। एमवीए की ओर से कांग्रेस को 16, उद्धव ठाकरे की शिवसेना-यूबीटी को 20 और शरद पवार की एनसीपी-एसपी को 10 सीटें मिली। वहीं, एमवीए के सहयोगी दलों को कुल 3 सीटें मिली। इसके अलावा राज्य में अन्य को 6 सीटें मिली। राज्य में बहुमत का आंकड़ा 145 सीटें हैं। यहां बीजेपी ने इंडिया गठबंधन के किसी भी मुद्दों को चलने नहीं दिया। इस जीत के लिए बीजेपी की ओर से देवेंद्र फडणवीस, शिवसेना की तरफ से एकनाथ शिंदे, एनसीपी की ओर से अजित पवार ने अहम भूमिका निभाई। राज्य में एकनाथ शिंदे की योजनाओं का भी फायदा एनडीए गठबंधन को मिला। इसके अलावा जमीनी स्तर पर भी एनडीए चुनाव के बाद मजबूत हुई है। राज्य में कांग्रेस एक फिर बीजेपी के सामने फाइट करने में विफल रही। इसका भी फायदा एनडीए के पक्ष में गया।

इधर, झारखंड में इंडिया गठबंधन ने कमाल कर दिखाया। यहां गठबंधन की ओर से सीएम हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने शानदार प्रदर्शन किया। यहां बीजेपी का एक भी मुद्दा काम नहीं आया। राज्य में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीजेपी की ओर से मोर्चा संभाल रखा था। चुनाव के दौरान जेएमएम पार्टी से सीएम रहे चंपई सोरेन भी बीजेपी के पाले में चले गए थे। लेकिन इसका भी फायदा बीजेपी को नहीं हुआ। राज्य में कुल 81 सीटें हैं। वहीं, बहुमत का आंकड़ा 41 है। इंडिया गठबंधन की ओर से जेएमएम ने 34, कांग्रेस ने 16, आरजेडी ने 4 और सीपीआई-एमएल-एल ने 2 सीटें जीती हैं। एनडीए ने राज्य में केवल 24 सीटें जीती हैं। एनडीए की ओर से बीजेपी ने 21 और अन्य सहयोगी दलों ने 3 सीटें जीती हैं। इसके अलावा अन्य को 1 सीट मिली।

बीजेपी से एनडीए तक का रहा सफर

ऐसे में कह सकते हैं कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में भले ही शानदार प्रदर्शन नहीं किया। लेकिन, वह केंद्र में अपनी सरकार बचाने में कामयाब रही। ओडिशा, हरियाणा में पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी। वहीं, आंध्र प्रदेश, सिक्किम में एनडीए की सरकार बनी। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर और झारखंड में इंडिया गठबंधन का दबदबा कायम रहा। लेकिन जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने पिछले चुनाव के मुकाबले काफी अच्छा प्रदर्शन किया।

Created On :   16 Dec 2024 11:10 PM IST

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