'मिशन 80' की तैयारी में जुटी बीजेपी, घटते ग्राफ को ध्यान में रखते हुए यूपी में जल्द हो सकती है कई जिला अध्यक्षों की छुट्टी

मिशन 80 की तैयारी में जुटी बीजेपी, घटते ग्राफ को ध्यान में रखते हुए यूपी में जल्द हो सकती है कई जिला अध्यक्षों की छुट्टी
उत्तर प्रदेश में बीजेपी का 'मिशन 80'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के लिहाज से बीजेपी ने सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में भी तैयारियां तेज कर दी है। इसी सिलसिले में पार्टी के शीर्ष नेताओं ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 19 जिलाध्यक्षों और महानगरों के अध्यक्षों को बदलने की कवायद तेज कर दी है। जानकारी के मुताबिक, पश्चिम यूपी के 19 जिलों में से आधा से ज्यादा जिलों और महानगरों के अध्यक्षों को बदले जाएंगे। जिलाध्यक्षों के नाम भी मोटे तौर पर स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं की रिपोर्ट के आधार तय कर लिए गए हैं।

महासंपर्क अभियान में जुटी बीजेपी 20 जून के बाद कभी भी पश्चिम यूपी और प्रदेश नेताओं के साथ बैठक कर जिला पार्टी अध्यक्षों के नामों पर फाइनल मुहर लगेगी। साथ ही जुलाई के पहले सप्ताह में नए जिलाध्यक्षों के नाम भी घोषित कर दिए जाएंगे। हाल ही में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में बीजेपी ने मेरठ, मुरादाबाद और सहारनपुर मंडल के कई जिलों में बेहतर प्रदर्शन किया है, लेकिन कई जगहों पर पार्टी हार का सामना भी करना पड़ा है।

संगठन को मजबूत करने की तैयारी तेज

गाजियाबाद, हापुड़ और बागपत में पार्टी भले ही बेहतर स्थिति में थी, लेकिन इसके बावजूद भी नगरपालिका चेयरमैन की कुर्सी पार्टी के हाथों से चली गई है। पार्टी नेताओं के लिए यह अभी भी चिंता का सबब बना हुआ है। इसके अलावा भूपेंद्र सिंह चौधरी को प्रदेश और सतेंद्र सिसोदिया को वेस्ट यूपी की कमान मिलने के बाद भी अभी तक संगठन में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। ऐसे में पार्टी की कोशिश है कि लोकसभा चुनाव से पहले वे अपनी सारी तैयारियों को पुख्ता कर लें।

बीजेपी की रणनीति

पश्चिमी यूपी में छह मंडल आते हैं जिसमें (मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद) में बीजेपी ने कुल 19 जिलों और कई महानगरों में अपने अध्यक्ष बना रखे हैं। पार्टी के बड़े नेताओं कहना है कि इसमें 10 अध्यक्षों का बदलना तय माना जा रहा है। जिन जिलों में बदलाव किए जाएंगे, उसमें गाजियाबाद, शामली , हापुड़, अमरोहा, बागपत, बुलंदशहर, मुजफ्परनगर और मेरठ के नाम शामिल है। पार्टी नेताओं के मुताबिक, इस बदलाव मे 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान रखने के अलावा जाति समीकरणों के आधार पर भी अध्यक्षों का चयन किया जाएगा। ऐसे में कई दावेदार यूपी की राजधानी लखनऊ , मेरठ के साथ-साथ देश की राजधानी दिल्ली में बड़े नेताओं के भी चक्कर काट रहे हैं। बीजेपी नेताओं ने जानकारी दी है कि 20 जून के बाद पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठकर संगठन को नए सिरें से तैयार किया जा जाएगा। साथ ही जुलाई के पहले सप्ताह में पार्टी जिलाध्यक्षों और महानगरों की सूची जारी कर दी जाएगी।

घटते ग्राफ को सुधारने में जुटी बीजेपी

इस रणनीति के पीछे 2019 के यूपी लोकसभा चुनाव में पार्टी का कम दबदबा होना बताया जा रहा है। क्योंकि पार्टी को 2019 के लोकसभा चुनाव में 2014 के आम चुनाव मुताबिक में एनडीए गठबंधन को 9 सीटों को नुकसान हुआ है। ऐसे पार्टी का परफॉर्मेंस अगर यूपी में गिरता है तो लोकसभा सदन में बीजेपी को मुश्किलों सामना करना पड़ सकता है। 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव भी बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिली थी लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। इसके अलावा नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी ने इस बार पिछले नगरीय निकाय चुनाव के मुताबिक बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई है। इसलिए पार्टी की कोशिश है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन कर स्थिति को सुधारा जाए।

Created On :   17 Jun 2023 4:15 PM IST

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