धारा 370 समाप्ति के 6 साल बाद: भारत के मुकुट जम्मू कश्मीर के दर्जे को अस्वीकार कर छोटा करना चिंता का विषय- करण सिंह
- फारूक अब्दुल्ला को दिया राजनीति में वापस लाने का श्रेय
- जम्मू-कश्मीर का केंद्र शासित प्रदेश में परिवर्तन पूर्ववर्ती राज्य का ह्रास बताया
- जेके को जल्द मिलें राज्य का दर्जा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और भारतीय दर्शन के विद्वान करण सिंह ने देश के मुकुट कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। 2019 से लेकर अब तक पिछले 6 साल में वहां के मसले पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और दिग्गज राजनेता करण सिंह ने पीटीआई को दिए अपने साक्षात्कार में केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर के लिए तत्काल राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की है। पीटीआई साक्षात्कार के हवाले से एबीपी ने लिखा है कि सिंह ने कहा जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति 'भारत के मुकुट' की है। सभी कहते हैं जेके भारत का सिर है, ऐसे में उसके दर्जे को अस्वीकार कर छोटा करना चिंता का विषय है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर का केंद्र शासित प्रदेश में परिवर्तन पूर्ववर्ती राज्य का ह्रास बताया है।
कांग्रेस नेता ने कहा केंद्र ने जम्मू-कश्मीर का दर्जा हरियाणा और हिमाचल से भी कम कर दिया। आपको बता दें केंद्र की मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर उसे केंद्रशासित प्रदेश बना दिया। करण सिंह ने आगे कहा कि अमेरिका में भारत के एक पूर्व राजदूत ने मुझसे कहा कि जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति ने इसे शासन दक्षता के मामले में हिमाचल प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों से भी पीछे हो गया है।
सिंह ने शेख अब्दुल्ला को कश्मीरी नेता बताते हुए कहा उन्होंने घाटी की राजनीति को काफी अधिक प्रभावित किया। सिंह ने जम्मू-कश्मीर की पहली विधानसभा के गठन के समय को याद करते हुए कहा कि उनके पिता महाराजा हरि सिंह और उनके कई वफादारों ने सोचा था कि उन्हें ‘सद्र-ए-रियासत’ की भूमिका नहीं निभानी चाहिए, क्योंकि शेख अब्दुल्ला ने डोगरा और महाराजा का अपमान किया था। सद्र-ए-रियासत राज्य के शासन में शासक के प्रतिनिधि को दर्शाने के लिए किया जाता था। दोनों के बीच उपजा तनाव राजनीति का अपरिहार्य नतीजा था। हमारे परिवार को उस समय लगा राजशाही अपना महत्व खो चुकी है। भविष्य डेमोक्रेसी में है। और मैं उस डेमोक्रेसी का हिस्सा बनना चाहता था।
आपको बता दें उधमपुर से चार चुनाव जीतने के बाद करण सिंह अपना निर्वाचन क्षेत्र बदलकर जम्मू चले गए थे। वहां उन्हें हार मिली। इसके बाद उन्होंने राजनीति छोड़ दी। करीब 12 साल बाद एनसी नेता फारूक अब्दुल्ला उन्हें फिर से राजनीति में लेकर आए। उन्होंने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को संतुलित व्यक्तित्व का धनी बताया।
Created On :   9 Jan 2025 10:49 AM IST