औरंगजेब कब्र मामला: औरंगजेब को लेकर महाराष्ट्र में सियासी बयानबाजी का सिलसिला जारी, जानें किस नेता क्या है कहना?

- औरंगजेब की कब्र को लेकर सियासत गर्माई
- कब्र को लेकर विवाद बढ़ा
- वार-पलटवार का दौर है जारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। औरंगजेब की कब्र को लेकर महाराष्ट्र में सियासत गर्माई हुई है। सभी दल के नेता एक दूसरे पर वार-पलटवार कर रहे हैं। दिन पर दिन विवाद बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। वहीं, वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन शुरू कर दिया है। बजरंग दल का कहना है कि, अगर शासन की तरफ से कुछ नहीं हुआ तो वो खुद कारसेवा करके कब्र को हटा देंगे। बजरंग दल की इस मांग पर ही कुछ लोग इसके पक्ष में हैं तो कुछ विपक्ष में। वहीं, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस का भी बयान सामने आया है।
देवेंद्र फडणवीस का क्या है कहना?
सीएम देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि, देश में छत्रपति शिवाजी महाराज का महिमामंडन होगा ना कि औरंगजेब का। औरंगजेब का महिमामंडन नहीं होने देंगे। ये हमारा दुर्भाग्य होगा कि जिस अत्याचारी ने हमारे लोगों की हत्या की है उसकी कब्र का हमें संरक्षण करना पड़ रहा है।
संजय राउत का बयान आया सामने
शिवेसना-यूबीटी की तरफ से संजय राउत का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि नए-नए हिंदुत्ववादी पैदा हुए हैं। नए-नए मुल्ले हैं उनको इतिहास का क्या ही पता है। एक बार म्यान निकालो और हटा दो कब्र किसने रोका है। पीएम मोदी को किसी ने तो नहीं रोका है। आंदोलन का नाटक बंद करो। मैं मानता हूं कि यह मराठाओं के शौर्य का स्मारक है।
सुप्रिया सुले का बयान
एनसीपी-एसपी सांसद सुप्रिया सुले ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, यह किसी राजनीतिक दल का विषय नहीं है। ये एक ऐतिहासिक विषय है। महाराष्ट्र सरकार से अपील करती हूं कि वह इसमें ना पड़ें। विशेषज्ञों को फैसला लेने दें।
विजय वडेट्टीवार
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने भी अपना बयान जारी करते हुए कहा है कि वीएचपी और बजरंग दल पास करने के लिए और कुछ नहीं बचा है। वे नहीं चाहते हैं कि महाराष्ट्र के लोग शांति से रहें। औरंगजेब 27 साल तक यहां रहे और वे राज्य के लिए कुछ नहीं कर पाए। अब उनकी कब्र को हटाने के बाद उन्हें क्या मिलेगा।
रामदास अठावले का क्या है कहना?
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी बयान जारी करते हुए कहा है कि, 'संभाजी नगर में उस व्यक्ति का कब्र है जिसने संभाजी महाराज की हत्या की थी। सीएम फडणवीस इस मामले में जल्द निर्णय लेंगे। कानून-व्यवस्था की स्थिति ना बिगड़े और निर्णय लेना चाहिए। हिंदू संगठनों की मांग पर भी विचार होना चाहिए।'
Created On : 17 March 2025 1:39 PM