लोकसभा चुनाव 2024: इस बाहुबली नेता के एक कदम से अखिलेश यादव को मिली बड़ी राहत, कोशांबी सीट पर बिगड़ा बीजेपी का खेल
- सपा को चुनाव के बीच मिली खुशखबरी
- राजा भैया ने इंद्रजीत सरोज के साथ चल रहा पुराना विवाद खत्म किया
- कोशांबी सीट पर सपा को मिल सकता है फायदा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के चार चरण कंपलीट हो चुके हैं। अब सभी दल अगले चरण की तैयारियों में जुट गए हैं। इस बीच यूपी में समाजवादी पार्टी के लिए सूकून वाली खबर आई है। बाहुबली नेता और कुंडा विधानसभा सीट से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा ने कोशांबी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे सपा उम्मीदवार के पिता इंद्रजीत सरोज के साथ चल रहा काफी पुराना विवाद समाप्त कर लिया है। राजा भैया के इस कदम को उनके द्वारा चुनाव में सपा को दिए समर्थन के रूप में देखा जा रहा है।
दरअसल, पिछले लोकसभा चुनाव में इंद्रजीत सरोज ने राजा भैया के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी। जिसके बाद कुंडा विधायक ने उन पर मानहानि का केस दायर किया था। अब राजा भैया ने यही केस वापस लेने ऐलान किया है। बता दें कि इस बार कौशांबी लोकसभा सीट से इंद्रजीत सरोज के बेटे पुष्पेंद्र सरोज चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं दो पहले ही राजा भैया की ओर से भी चुनाव में किसी भी दल को सपोर्ट न देने की घोषणा की गई थी। बुधवार को इंद्रजीत सरोज ने अपने बेटे पुष्पेंद्र सरोज के साथ राजा भैया से मुलाकात की थी। इसके बाद राजा भैया के सबसे नजदीकी और यूपी विराध परिषद के सदस्य अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी ने एक पत्र जारी किया। जिसमें लिखा है कि राजा भैया कौशंबी से अब अपना समर्थन समाजवादी पार्टी को देने के लिए तैयार हो गए हैं।
क्या लिखा है चिट्ठी में?
गोपाल की तरफ से जारी चिट्ठी में लिखा है कि पिछले लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के कौशांबी सीट के उम्मीदवार इंद्रजीत सरोज ने चुनाव के कुछ लोगों के बहकावे में आकर चुनावी सरगर्मी में जन सत्तादल लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के बारे में कुछ टिप्पणियां की थीं। जिससे राजा भैया के समर्थकों, जनसत्ता दल के कार्यकर्ताओं और आम जनता में क्रोध की लहर थी। लोगों की राजा भैया के प्रति भावनाओं को ठेस पहुंची थी। इसके कारण राजा भैया ने इंद्रजीत सरोज के खिलाफ मानहानि का केस लगाया था। यह केस एमएपीएमएलए कोर्ट में चल रहा है। इसमें कोर्ट ने इंद्रजीत सरोज को धारा 500 दण्ड प्रक्रिया संहिता में तलब किया है। गोपाल ने आगे लिखा है, '13 मई को देर शाम इंद्रजीत सरोज ने सपा उम्मीदवार और अपने बेटे पुष्पेंद्र सरोज के साथ राजा भैया से बेती राजभवन में मुलाकात थी। इस मुलाकात में उन्होंने अपनी गलत बयानबाजी और पुराने गिले शिकवे भूलने की विनती की थी। उन्होंने राजनीतिक सूचिता को कायम करने की कोशिश की है। जिसके कारण राजा भैया ने पुरानी बातों को भूलकर अब कोर्ट में दाखिल मानहानि का केस खत्म करने की तैयारी कर ली है।'
कौशंबी में राजा भैया के समर्थन से सपा को क्या लाभ?
राजा भैया ने लोकसभा चुनाव 2024 में किसी पार्टी को अपना समर्थन नहीं दिया है। उनकी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक ने कौशांबी या प्रतापगढ़ से इस बार अपना उम्मीदवार भी नहीं उतारा है। कौशांबी लोकसभा लोकसभा सीट में राजा भैया के प्रभाव वाले कुंडा और बाबागंज विधानसभा क्षेत्र आते हैं। यहां के दोनों विधायक जनसत्ता दल के ही हैं। ऐसे में कोशांबी सीट पर बीजेपी और सपा दोनों दल ही राजा भैया का समर्थन पाना चाहते थे। दो दिन पहले ही राजा भैया ने अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद अपनी मर्जी से वोट देने के लिए कहा था। इसी बीच गोपाल की चिट्ठी में इंद्रजीत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा वापस लेने की बात कही गई है। जिसका सीधा इशारा सपा को समर्थन देने का है। हालांकि, गोपाल ने यह भी कहा है कि राजा भैया किसी पार्टी को समर्थन न देने के अपने फैसले पर अब भी कायम हैं। पूर्व मंत्री इंद्रीजीत सरोज और कौशांबी से सपा उम्मीदवार उनके बेटे पुष्पेंद्र सरोज राजा भैया से मिलने आए थे। उन्होंने कहा इंद्रजीत के साथ केवल केस वापस लेने की सहमति बनी है।
Created On :   16 May 2024 8:33 PM IST