SEBI की पूर्व चीफ की मुश्किलें बढ़ी: मुंबई कोर्ट ने माधबी पुरी समेत 6 अधिकारियों पर FIR दर्ज करने के जारी किए निर्देश, ACB से 30 दिन में मांगी रिपोर्ट
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डिजिटल डेस्क, मुंबई। सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (सेबी) की पूर्व चीफ माधबी पुरी की मुश्किलें बढ़ गई है। मुंबई कोर्ट ने रविवार को माधबी पुरी समेत अन्य दिग्गज अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। बता दें, कोर्ट ने एक कंपनी द्वारा कथित तौर पर धोखाधड़ीपूर्ण लिस्टिंग के मामले में फैसला सुनाया है।
माधबी पुरी समेत 6 पर दर्ज होगी एफआईआर
मुंबई कोर्ट ने वर्ली स्थित एसीबी इकाई को आईपीसी, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, सेबी अधिनियम और अन्य प्रासंगिक कानूनों के तहत केस दर्ज करने निर्देश जारी किए हैं। इस मामले में शिकायकर्ता ने याचिक दायर की थी। जिसके मुताबिक, सेबी अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने नियमित कर्तव्य का पालन नहीं किया। इस वजह से बाजार में हेरफेर और कॉर्पोरेट धोखाधड़ी को बढ़ावा मिला है। एक अयोग्य कंपनी को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कर दिया गया, जिससे निवेशकों को नुकसान हुआ।
मुंबई कोर्ट ने कई वरिष्ठ अधिकारियों पर मामला दर्ज करने के निर्देश जारी किए हैं। इसमें माधबी पुरी बुच (पूर्व सेबी अध्यक्ष), अश्विनी भाटिया (सेबी के पूर्णकालिक सदस्य), अनंत नारायण जी (सेबी के पूर्णकालिक सदस्य), कमलेश चंद्र वर्श्नेय (सेबी के वरिष्ठ अधिकारी), प्रमोद अग्रवाल (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के अध्यक्ष), सुंदररमन राममूर्ति (बीएसई के सीईओ)
कोर्ट ने ACB से 30 दिन में मांगी रिपोर्ट
मालूम हो कि, कोर्ट ने ACB को 30 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश सुनाया है। बता दें, साल 2024 में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में अडानी ग्रपु से कथित रूप से संबंधित माधबी पुरी बुच और उनके पति पर विदेशी कंपनियों में हिस्सेदारी का आरोप लगाया था। इसके बाद सितंबर 2024 में मुंबई में सेबी मुख्लायल बाहर 1,000 से ज्यादा कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया था। इसके अलावा सेबी कर्मचारियों ने माधबी पुरी बुच के इस्तीफे की अपील की थी। मालूम हो कि, 28 मार्च 2022 से माधबी पुरी बुच सेबी अध्यक्ष के पद पर कार्यरत थी। इस पद पर पहुंचने वाली वह पहली महिला और पहली निजी क्षेत्र की पेशेवर थी।
मुंबई कोर्ट ने मामले की जांच का दायित्व ACB को सौंपा है। कोर्ट ने अपने आदेश में ACB से 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने के लिए कहा है। ऐसे में यह देखना होगा कि इस मामले में ACB की कार्रवाई कितनी आगे बढ़ती है।
Created On :   2 March 2025 5:44 PM IST