दिल्ली में AAP के बने बनाए प्लान पर फिरा पानी!: 24 सीटों पर एंटी-इनकंबेंसी से बचने के चलते अपनाई ये रणनीति, कांग्रेस और AIMIM ने बिगाड़ा खेल, जानें हार-जीत के फासले से
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- दिल्ली में आप की हुई करारी हार
- आप की 24 सीटों पर एंटी-इनकंबेंसी
- कांग्रेस और एआईएमआईएम ने बिगाड़ा खेल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में इस बार विधानसभा चुनाव में आप को भाजपा से करारी हार का सामना करना पड़ा है। राज्य में 27 सालों के बाद भाजपा ने 48 सीटे समेटते हुए बड़ी जीत हासिल की है। लेकिन, इसके बावजूद राज्य की कई सीटों पर हार और जीत का फासला काफी कम है। दरअसल, राज्य की 24 सीटे ऐसी हैं जहां 10 हजार से कम वोटों से फैसला हुआ है। इससे पहले 2020 में दिल्ली में ऐसी ही सीटों पर संख्या 17 थी।
दरअसल, हार और जीत में अंतर के पीछे कई फैक्टर्स जिम्मेदार है। ये फैक्टर्स कांग्रेस के वोटों में दो प्रतिशत इजाफा, दलबदलू उम्मीदवार और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम द्वारा उतारे गए उम्मीदवार रहे हैं।
दिल्ली की संगम विहार और त्रिलोकपुरी सीट में 500 से कम वोटों से जीत का अंतर तय किया गया है। इससे पहले 2020 के चुनाव में कम अंतर वाली कोई जीत नहीं थी। हालांकि, पिछली बार के जैसे ही एक विधानसभा क्षेत्र जंगपुरा में 500 से 1000 के बीच जीत का अंतर रहा है।
इस बार 24 सीटों में 10 हजार से कम वोटों के अंतर से तय की गई है। भाजपा ने 16 और आप ने 8 सीट पर जीत हासिल की थी। 2020 में आप ने ऐसी ही 13 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि, भाजपा ने चार सीटों पर जीत हासिल की थी।
संगम विहार में इतने वोटों के मार्जिन से हुई जीत
इस बार संगम विहार में जीत-हार के वोटों का अंतर केवल 344 रहा। जबकि त्रिलोकपुरी में हार जीत का अंतर 392 वोटों के करीब रहा। वहीं, जंगपुरा में भाजपा उम्मीदवार तरविंदर सिंह मारवाह ने मनीष सिसोदिया को 675 वोट के मार्जिन से हराया।
जबकि, संगम विहार में भाजपा के चंदन कुमार चौधरी ने 344 वोटों के फासले से जीत दर्ज की है। उन्होंने आप के दिनेश मोहनिया को पटखनी दी है। जबकि, त्रिलोकपुरी में भाजपा के रवि कांत ने 392 वोटों से आप के अंजना प्राचा को मात दी है।
तिमारपुर में 1168 वोट, पटेल नगर में 4049 वोट, दिल्ली कैंट में 2029 वोट, राजेंद्र नगर में 1231 वोट, नई दिल्ली में 4089 वोट, मालवीय नगर में 2131 वोट, महरौली में 1782 वोट, अंबेडकर नगर में 4230 वोट, ग्रेटर कैलाश में 3188 वोट और कालकाजी में 3521 वोट से उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है।
5 हजार से 10 हजार के बीच इन सीटों पर हुई हार जीत
नरेला में 8596, मंगोलपुरी में 6255, सदर बाजार में 6307, करोलबाग में 7430, हरीनगर में 6632, विकासपुरी में 9915, द्वारका में 7829, पालम में 8952, छतरपुर में 6239, कोंडली में 6293 और गोकुलपुर में 8207 वोट से हार-जीत तय हुई है।
आप का बिगड़ा खेल
दरअसल, इस बार आप ने सत्ता विरोधी लहर को देखते हुए 20 से ज्यादा विधायकों का टिकट काटा था। हालांकि, यह रणनीति आप के लिए कुछ खास कमाल नहीं कर पाई। भाजपा ने 17 विधानसभा सीटों में से 15 सीट पर जीत दर्ज की। इन सीटों पर आप ने मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया था। यहां से पार्टी ने नए उम्मीदवारों को टिकट सौंपा था।
इन सीटों के बावजूद AAP किरारी और बदरपुर में बीजेपी को हराने में कामयाब रही। किरारी में AAP ने बीजेपी से शामिल हुए नेता को टिकट सौंपा था। आप उम्मीदवार ने 21,871 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी।
आप की हार के पीछे कांग्रेस की बड़ी भूमिका मानी जा रही है। कांग्रेस ने 15 सीटों पर आप के प्लान बिगाड़ा था। जबकि, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का दबदबा ओखला और मुस्तफाबाद के मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्रों में ज्यादा रहा है। बता दें, एआईएमआईएम ने जेल में बंद शिफा उर रहमान खान (ओखला) और ताहिर हुसैन (मुस्तफाबाद) को मैदान में उतारा था।
मुस्तफाबाद सीट की बात करें तो यहां पर मुस्लिम वोट बंट गए थे। इस सीट से बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट ने 17,578 वोटों से जीत हासिल की थी। इसके अलावा आप ओखला सीट को बरकरार रखने में कामयाब रही। इस सीट से मौजूदा विधायक अमानतुल्लाह खान की जीत का अंतर 71,827 से घटकर 23,639 मतों पर आ गया है। इन दोनों सीटों पर कांग्रेस चौथे स्थान पर लुढ़कर आ गई थी। इस सीट से एआईएमआईएम उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे है।
Created On :   11 Feb 2025 6:01 PM IST