दिल्ली विधानसभा सत्र: आतिशी के पत्र पर स्पीकर विजेंद्र गुप्ता का आया जवाब, AAP विधायकों के निलंबन के पीछे दिया ये तर्क

आतिशी के पत्र पर स्पीकर विजेंद्र गुप्ता का आया जवाब, AAP विधायकों के निलंबन के पीछे दिया ये तर्क
  • दिल्ली में विधानसभा सत्र जारी
  • पूर्व सीएम आतिशी ने लिखा पत्र
  • स्पीकर विजेंद्र गुप्ता का आया जवाब

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में दिल्ली विधानसभा सत्र में कैग रिपोर्ट से लेकर आप विधायकों के निलंबन पर भाजपा और आप के बीच जमकर बवाल देखने को मिला है। इस क्रम में शुक्रवार को आप विधायकों के निलंबन के संबंध में दिल्ली की पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने विधानसभा स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने आप विधायकों के निलंबन पर आपत्ति जाहिर की है। इसके बाद अब आतिशी के पत्र पर स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने जवाब दिया है। उन्होंने लिखा है कि हैरत है कि विपक्ष पिछले 12 सालों से सरकार में है और उन्हें सदन के नियमों से अनभिज्ञ हैं।

आतिशी के पत्र का स्पीकर ने दिया जवाब

विजेंद्र गुप्ता ने पत्र में लिखा, "आतिशी जी आप का लिखा पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें आपने विपक्षी विधायकों के निलंबन और उन्हें विधानसभा परिसर में प्रवेश न दिए जाने के संबंध में अपनी चिंता व्यक्त की है। यह अत्यंत आश्चर्यजनक है कि विपक्ष सदन में कार्य संचालन से संबंधित नियमों और विनियमों से अनभिज्ञ है, विशेष रूप से तब जब यही राजनीतिक दल पिछले 12 वर्षों तक सरकार में था। अतः स्थिति को स्पष्ट करने के लिए हाल की घटनाओं का एक क्रमवार विवरण प्रस्तुत कर रहा हूं।"

विधानसभा स्पीकर ने पत्र में आगे लिखा, "24 फरवरी, 2025 को, जब अध्यक्ष का चुनाव संपन्न हुआ, यह एक गरिमामयी प्रक्रिया होनी चाहिए थी। परंतु, दुर्भाग्यवश विपक्षी सदस्यों द्वारा नारेबाजी और व्यवधान उत्पन्न कर इस प्रक्रिया को बाधित किया गया। इस अशोभनीय आचरण के बावजूद, मैंने संयम बरतते हुए किसी भी विधायक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की, ताकि हमारी नई विधानसभा अवधि की शुरुआत लोकतांत्रिक समावेशन की भावना से हो।"

आप विधायकों के निलंबन पर दिया ये तर्क

उन्होंने पत्र में लिखा, "25 फरवरी, 2025 को, जब उपराज्यपाल ने उद्घाटन भाषण दिया, विपक्षी विधायकों ने पुनः व्यवधान उत्पन्न किया, जिससे उपराज्यपाल अपने संबोधन को गरिमापूर्ण ढंग से पूरा नहीं कर सके। यह आचरण पांचवीं अनुसू‌ची (आचार संहिता नियमावली) के स्पष्ट उल्लंघन के अंतर्गत आता है, विशेष रूप से निम्नलिखित प्रावधान के तहत यदि कोई सदस्य उपराज्यपाल के सदन में उपस्थित रहते हुए उनके अभिभाषण को बाधित करता है, चाहे वह आषण, बिंदु-विशेष उठाने वाकआउट करने या किसी अन्य माध्यम से हो, तो इसे उपराज्यपाल के प्रति अनादर एवं सदन की अवमानना माना जाएगा और इसे अनुशासनहीन आचरण की श्रेणी में रखकर आवश्यक कार्रवाई की जा सकती है।"

इसके अलावा स्पीकर ने विधानसभा परिसर में आप विधायकों के प्रवेश के संबंध में बात कही। उन्होंने लिखा, "विधानसभा के नियमों में 'सदन के परिसीमन की व्यापक परिभाषा दी गई है, जिसमें निम्नलिखित क्षेत्र सम्मिलित है। विधानसभा कक्ष, लॉबी, गैलरी, विधानसभा सचिवालय ‌द्वारा उपयोग किए जा रहे कक्ष, अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के कक्ष, समिति कक्ष, विधानसभा पुस्तकालय, अध्ययन कक्ष, दलों के कक्ष, विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों के नियंत्रण में रहने वाले सभी परिसर एवं इन तक जाने वाले मार्ग, तथा ऐसे अन्य स्थान जिन्हें अध्यक्ष समय-समय पर निर्दिष्ट कर सकते हैं।"

उन्होंने लिखा, "इसके अलावा, नियम 277, बिंदु 3(d) स्पष्ट रूप से कहता है। जो सदस्य सदन की सेवा से निलंबित किया गया है, उसे सदन के परिसर में प्रवेश करने और सदन एवं समितियां की कार्यवाही में भाग लेने से प्रतिबंधित किया जाएगा।"

Created On :   28 Feb 2025 4:47 PM IST

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