स्वास्थ्य/चिकित्सा: पोषक तत्वों का खजाना अफीम से बनी खसखस! सेवन से कई समस्याएं होंगी दूर

पोषक तत्वों का खजाना अफीम से बनी खसखस! सेवन से कई समस्याएं होंगी दूर
आयुर्वेद में औषधियों की कमी नहीं है, जिनके सेवन से आप न केवल डॉक्टर से दूर रह सकते हैं बल्कि संक्रमण समेत कई रोग आपसे कोसों दूर रह सकते हैं। ये विषय छिड़ने पर आयुर्वेदाचार्य छोटे-छोटे दाने वाले खसखस का नाम लेते हैं, जिनमें प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। खसखस की मदद से कई स्वास्थ्य समस्याओं को बाए-बाए कहा जा सकता है।

नई दिल्ली, 23 अप्रैल (आईएएनएस)। आयुर्वेद में औषधियों की कमी नहीं है, जिनके सेवन से आप न केवल डॉक्टर से दूर रह सकते हैं बल्कि संक्रमण समेत कई रोग आपसे कोसों दूर रह सकते हैं। ये विषय छिड़ने पर आयुर्वेदाचार्य छोटे-छोटे दाने वाले खसखस का नाम लेते हैं, जिनमें प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। खसखस की मदद से कई स्वास्थ्य समस्याओं को बाए-बाए कहा जा सकता है।

खसखस की तासीर ठंडी होती है, जो शरीर की गर्मी को शांत करती है। यह गर्मियों में पेट की जलन, पैरों में जलन, और त्वचा की समस्याओं को दूर करने में कारगर मानी जाती है।

ग्लोबल इटरनल आयुर्वेद संगठन के आयुर्वेदाचार्य (पंचकर्म विशेषज्ञ और सीनियर न्यूरोथेरेपिस्ट) डॉ. कुणाल शंकर ने खसखस के औषधीय गुणों और उससे होने वाले अनेक लाभ पर विस्तार से बात की। आयुर्वेदाचार्य ने बताया, " गोविंददास की भैषज्य रत्नावली के खंड 84, 87 और 88 में खसखस या उशीरा के गुणों पर रोशनी डालते हुए, "वीरानस्य तु मूलं स्यादुशीरं नलदञ्च तत्। अमृताञ्च सेव्यञ्च समगन्धिकमित्यपि। उशीरं पाचनं शीतं स्तम्भनं लघु तिक्तकम श्लोक उल्लेखित है।"

जिसका अर्थ है, " वीर वृक्ष की जड़ें उशीरा और इसका रस अमृत है। ये पीने योग्य और सुगंधित हैं। उशीरा पाचन, सर्दी, कब्ज के लिए और स्वाद में थोड़ा कड़वा होता है। यह धीमी गति से काम करने वाला, पाचक, ठंडा, हल्का, मधुर, ज्वरनाशक, कफ और पित्त को दूर करने वाला है। इसमें प्यास मिटाने की गुण के साथ घाव को ठीक करने और तेज दर्द में राहत देने के गुण भी होते हैं।“

वैद्य जी ने बताया, "खसखस का शरबत न सिर्फ शरीर को ठंडा रखता है, बल्कि मन को भी शांत करता है। खसखस के बीज पोषक तत्वों का खजाना हैं। इनमें प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, और आयरन जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। शोध बताते हैं कि खसखस में मौजूद जिंक इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जो गर्मियों में होने वाली मौसमी बीमारियों से बचाव में मदद करता है। इसके अलावा खसखस में ओमेगा-6 फैटी एसिड हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं और इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री रैडिकल्स से होने वाले नुकसान को कम करते हैं।"

उन्होंने आगे बताया, “खसखस के चूर्ण को घी के साथ मिलाकर खाने से ह्दय में होने वाले दर्द में राहत मिलता है। मुनक्का के साथ मिलाकर खाने से शरीर में होने वाले दर्द में आराम मिलता है। यह उल्टी या वमन में भी कारगर है। चीनी के शर्बत में 1-2 बूंद पुदीना का अर्क डालकर पिलाने से वमन बंद हो जाता है।“

गर्मी से बचाव में मददगार खसखस की बात करें, तो इसकी ठंडी तासीर इसे गर्मियों का सुपरफूड बनाती है। खसखस का शरबत या दूध पीने से शरीर का तापमान नियंत्रित होता है और डिहाइड्रेशन की समस्या दूर होती है। खसखस का पानी पेट के पीएच को संतुलित करता है, जिससे गर्मियों में होने वाली एसिडिटी और पेट की जलन में राहत मिलती है।

यही नहीं यदि आप त्वचा विकार से पीड़ित हैं तो खसखस का सेवन आपकी समस्या का इलाज है। हालांकि, आयुर्वेदाचार्य ने इसके सेवन में सावधानी बरतने की सलाह भी दी।

उन्होंने बताया, “ गुणों से भरपूर खसखस का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए क्योंकि यह शरीर को शिथिल बना सकता है। गर्भवती महिलाओं या नशा करने वाले लोगों को इसके इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।"

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Created On :   23 April 2025 3:38 PM IST

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