राष्ट्रीय: बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार को तुरंत रोकने की जरूरत आचार्य पवन त्रिपाठी

आचार्य पवन त्रिपाठी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने बांग्लादेश के डिप्टी हाई कमिश्नर से मुलाकात की और उनसे वहां हिंदुओं पर हो रहे हमले के मुद्दे को उठाया। आचार्य पवन त्रिपाठी ने इस विषय को लेकर आईएएनएस से खास बातचीत की।

मुंबई, 2 दिसंबर (आईएएनएस)। आचार्य पवन त्रिपाठी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने बांग्लादेश के डिप्टी हाई कमिश्नर से मुलाकात की और उनसे वहां हिंदुओं पर हो रहे हमले के मुद्दे को उठाया। आचार्य पवन त्रिपाठी ने इस विषय को लेकर आईएएनएस से खास बातचीत की।

उन्होंने कहा, “हमारे प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में बांग्लादेश के डिप्टी हाई कमिश्नर रंजन चौधरी से मुलाकात की। इस मुलाकात में हमारे प्रतिनिधिमंडल में सूरदास जी, निरंजन जी और मैं शामिल था। हमने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के बारे में गंभीर चिंता जताई। हमने बताया कि वहां हिंदुओं के घर जलाए जा रहे हैं, उनकी हत्याएं की जा रही हैं, और उनके साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है। इन अत्याचारों को तुरंत रोकने की आवश्यकता है।”

उन्होंने कहा, “इसके अलावा हमने यह भी बताया कि वहां के हमारे एक संत की गिरफ्तारी हुई है, जिसे बिना किसी ठोस कारण के जेल में डाला गया है। हमने उनसे निवेदन किया कि उसे जल्द से जल्द रिहा किया जाए। बांग्लादेश के डिप्टी हाई कमिश्नर ने हमारी बातों को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि वे ढाका में सरकार से बात करेंगे और हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को रोकने का प्रयास करेंगे।”

इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि वे उस संत की रिहाई के लिए भी पूरी कोशिश करेंगे।

उन्होंने कहा, “हमने यह स्पष्ट किया कि यदि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार नहीं रुकते हैं, तो हम यहां पर बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। हम सभी ने यह भी कहा कि यह कट्टरपंथी मानसिकता सिर्फ बांग्लादेश या पाकिस्तान तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इस तरह की सोच को हमारे देश में भी फैलने से रोका जाना चाहिए। यह कट्टरपंथी सोच हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ साजिशों को जन्म देती है, जैसा कि बांग्लादेश में देखा जा रहा है।”

उन्होंने कहा, “हमने यह भी कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का जो दृष्टिकोण है, वह हमें एकजुट रहने के लिए प्रेरित करता है। हम सब मिलकर ही अपने समाज को सुरक्षित रख सकते हैं और इस तरह के अत्याचारों के खिलाफ एक मजबूत आवाज उठा सकते हैं।”

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Created On :   2 Dec 2024 3:05 PM IST

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