कभी न हारने वाले खड़गे को भी मोदी की सुनामी में मिली शिकस्त
डिजिटल डेस्क, गुलबर्गा। 2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार पूरे देश में मोदी लहर चली। कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई, लेकिन पार्टी के दिग्गज नेता मल्लिकार्जुन खड़गे मोदी की इस लहर में भी नहीं लड़खड़ाए और बीजेपी उम्मीदवार को पराजित कर फिर से सांसद पहुंच गए थे। 2019 के चुनाव में भी खड़गे जीत का परचम लहराने के लिए चुनावी मैदान में उतरे। उम्मीद थी कि इस बार भी मोदी लहर फीकी पड़ गई है और उन पर कोई असर नहीं होने वाला, मगर इस बार उनकी उम्मीद से बिल्कुल उलट मोदी लहर ने सुनामी का रूप ले लिया और खड़गे को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। बीजेपी के उमेश जाधव ने मल्लिकार्जुन खड़गे को उनके राजनीतिक करियर में पहली बार मात दी।
11 चुनाव जीत चुके हैं खड़गे
कांग्रेस पार्टी के दिग्गजों में शुमार मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने जीवन में कई चुनाव लड़े और जीत हासिल की। खड़गे 9 बार विधायक व दो बार सांसद रह चुके हैं, लेकिन मोदी सुनामी में वह अपनी सीट बचाने में असफल रहे। 2019 लोकसभा में खड़गे को कर्नाटक की गुलबर्गा सीट से बीजेपी उम्मीदवार के हाथों हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी उम्मीदवार उमेश जाधव ने खड़गे को 95 हजार 452 वोटों से हरा दिया है। खड़गे को उनके राजनीतिक सफर में पहली बार शिकस्त मिली है।
2014 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार को किया था पराजित
खड़गे को स्वच्छ छवि और कर्नाटक की राजनीति में दलित नेता के तौर पर माना जाता है। यूपीए सरकार में वे रेल मंत्री, श्रम और रोजगार मंत्री का कार्यभार संभाल चुके हैं। खड़गे गुलबर्गा से दो बार सांसद भी रहे हैं। इतना ही नहीं लोकसभा में कांग्रेस के संसदीय दल के नेता भी हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे को 5 लाख 7 हजार 193 वोट मिले थे। खड़गे ने BJP के रेणु नायक को हराया था। नायक को 4 लाख 32 हजार 460 वोट मिले थे। 2013 में मल्लिकार्जुन खड़गे सीएम की रेस में भी थे, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें राज्य की कमान सौंपने के बजाय राष्ट्रीय राजनीति की जिम्मेदारी सौंपी।
1972 में पहली बार बने विधायक
खड़गे 1969 में कांग्रेस का दामन थामकर गुलबर्गा के कांग्रेस शहर अध्यक्ष बने थे। इसके बाद 1972 में पहली बार विधायक बने। 2008 तक लगातार वे 9 बार विधायक चुने जाते रहे। 2009 में गुलबर्गा लोकसभा सीट से संसदीय चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। वर्तमान लोकसभा चुनाव में खड़गे के खिलाफ बीजेपी से उमेश जाधव और बसपा से केबी वासु सहित कई उम्मीदवार सियासी रण में उतरे थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस को एक-एक सीटें मिलीं। बताया जा रहा है कि कर्नाटक में कांग्रेस का अब तक का यह सबसे बद्तर और बीजेपी के लिए एक तरह से रिकॉर्ड प्रदर्शन है।
कर्नाटक में बीजेपी के मिलीं 25 सीटें
कर्नाटक में बीजेपी ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन का सूपड़ा साफ कर दिया है। बीजेपी को राज्य की कुल 28 लोकसभा सीटों में से 25 सीटें मिली हैं। बीजेपी के इस प्रदर्शन के बाद राज्य की एच डी कुमारस्वामी सरकार की स्थिरता सवालों से घिर गई है।
पहले कांग्रेस में ही थे खड़गे को हराने वाले जाधव
बता दें कि खड़गे को पराजित करने वाले उमेश जाधव कांग्रेस के ही विधायक थे। कुछ महीने पहले ही बागी होकर बीजेपी में शामिल हो गए थे। उन्होंने कर्नाटक विधानसभा की सदस्यता भी छोड़ दी थी। इसके बाद बीजेपी ने उन्हें लोकसभा चुनावों में मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ उम्मीदवार बनाया था। मल्लिकार्जुन खड़गे को कभी चुनाव में हार का सामना नहीं करना पड़ा था। खड़गे की यह पहली हार है।
Massive !!!
— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) May 23, 2019
Congress parliament Opposition leader Mallikarjun Kharge defeated by BJP’s Umesh Jadhav
Congress destroyed in Karnataka
Kannadigas have bought an end to arrogant corrupt political history of Congress
ऐसा कहा जाता है कि, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री धर्मसिंह के कहने पर बंजारा समाज को प्रतिनिधित्व देने के लिए खड़गे ही उमेश जाधव को राजनीति में लाए थे और 2013 में बीदर की चिंचोली सीट से विधानसभा का टिकट दिलवाया। चुनाव नतीजों के बाद कर्नाटक बीजेपी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा है, कर्नाटक बीजेपी के उमेश जाधव ने मल्लिकार्जुन खड़गे को हरा दिया है। कर्नाटक की जनता ने कांग्रेस के अभिमानी और भ्रष्ट राजनीतिक इतिहास का अंत कर दिया है।
Created On :   24 May 2019 9:03 AM IST