जानिए... क्यों जरूरी थी कश्मीर में सेना को खुली छूट, क्या मिलेगा फायदा
- अपने निर्णय के आधार पर ही कार्रवाई करेगी सेना
- पत्थरबाजों का आतंकियों को मिलता था सपोर्ट
- सख्त कार्रवाई नहीं कर पाते थे सुरक्षाकर्मी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आतंकी हमले के बाद एक्शन में आई केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कश्मीर में सुरक्षाबलों को खुली छूट दे दी है। अब सेना घाटी में किसी भी तरह की आतंकी गतिविधि से अपने स्तर पर निर्णय लेकर ही निपट सकती है। आइए जानते हैं कि आखिर क्यों सेना और सुरक्षा बलों को जम्मू और कश्मीर में खुली छूट मिलना जारूरी थी।
जनवरी 2018 में जम्मू-कश्मीर के शोपियां में रूटीन चैकअप कर रही सेना की टुकड़ी को गांव के एक घर की छत पर काला झंडा दिखा, जिसमें इस्लामिक संदेश लिखा था। जब सेना के जवानों ने गांव वालों से झंडा उतारने के लिए कहा तो उन्होंने इनकार करते हुए विरोध शुरू कर दिया। विरोध ने कुछ ही देर में विवाद का रूप धारण कर लिया और झड़प के दौरान गोलीबारी में 3 लोग मारे गए।
इस घटना के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सेना की टुकड़ी के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कर ली थी। इसके बाद सेना की उस टीम को लीड करने वाले मेजर आदित्य कुमार के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए तात्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने मेजर आदित्य कुमार के खिलाफ जांच आगे न बढ़ाने को कहा था। केंद्र सरकार ने भी राज्य से जांच रोककर एफआईआर रद्द करने की सिफारिश की थी।
ये एक मामला है, लेकिन ऐसे कई मौके सामने आते रहते हैं, जब किसी मुद्दे पर सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और राज्य सरकार का मत अलग-अलग होता है। चाहे वह, कश्मीर में तैनात सुरक्षाबलों पर खुलेआम पथराव करने वाले कश्मीरी लोग हों या अलगवाद का समर्थन करने वाले स्थानीय नेता, सुरक्षाबल चाहकर भी उन पर सख्त कार्रवाई नहीं कर पाते, लेकिन सीआरपीएफ के काफिले पर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए हमले के बाद अब सरकार ने सेना को कश्मीर में खुली छूट दे दी है। सेना और सुरक्षाबल अब आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई अपने निर्णय के आधार पर ही कर सकेंगे, हालांकि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि कश्मीर में सेना को कितनी स्वायत्ता दी गई है।
#WATCH PM Modi says, "Main aatanki sangathanon ko kehna chahta hun ki woh bahut badi galti kar chuke hain, unko bahut badi kemaat chukani padegi." pic.twitter.com/XBL9YLZrVC
— ANI (@ANI) 15 February 2019
Created On :   15 Feb 2019 1:49 PM IST