क्या सिर्फ 'किताब' के जरिए त्रिपुरा की जंग जीत पाएगी बीजेपी? 

BJP releases book to attack Tripura CM Manik Sarkar
क्या सिर्फ 'किताब' के जरिए त्रिपुरा की जंग जीत पाएगी बीजेपी? 
क्या सिर्फ 'किताब' के जरिए त्रिपुरा की जंग जीत पाएगी बीजेपी? 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और 18 फरवरी को यहां वोटिंग होनी है। सीपीएम के माणिक सरकार यहां पिछले 15 सालों से मुख्यमंत्री हैं। बीजेपी के लिए त्रिपुरा जीतना इतना आसान नहीं है और इसके लिए पार्टी ने एक नई रणनीति अपनाई है। बीजेपी ने बुधवार को "माणिक सरकार- दृश्यम और सत्यम" नाम की किताब लॉन्च की है और इस किताब के जरिए बीजेपी सीधे माणिक सरकार पर हमला कर रही है। किताब को लॉन्च करते समय बीजेपी के नेशनल जनरल सेक्रेटरी राम माधव ने कहा कि "इस किताब के जरिए त्रिपुरा की सच्चाई पूरे देश के सामने आ जाएगी।"


विकास कम दिखावा ज्यादा करती है माणिक सरकार

"माणिक सरकार- दृश्यम और सत्यम" किताब की लॉन्चिंग के दौरान बीजेपी के नेशनल जनरल सेक्रेटरी राम माधव ने कहा कि "दूर-दराज क्षेत्र होने के कारण त्रिपुरा की गूंजे किसी को सुनाई नहीं पड़ती हैं। त्रिपुरा में एक के बाद एक राजनीतिक हत्याएं हो रही हैं। महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं। त्रिपुरा की माणिक सरकार विकास कम और दिखावा ज्यादा करती है।"

 

 


त्रिपुरा के थाने बने सीपीएम के ऑफिस

इसके आगे राम माधव ने कहा कि "त्रिपुरा के थाने सीपीएम के ऑफिस बन गए हैं। पीड़ितों की सुनवाई नहीं होती और न ही एफआईआर दर्ज की जाती है। चुन-चुनकर बीजेपी और संघ के कार्यकर्ताओं की हत्याएं हो रही हैं। इतना ही नहीं त्रिपुरा स्टेट रायफल के अफसर अपने ऑफिस में पत्रकार को गोली मार देते हैं. सच बोलने और लिखने वाले का त्रिपुरा में यही हश्र हो रहा है।" उन्होंने कहा कि "इतना सब कुछ होने के बाद भी माणिक सरकार पाक-साफ बनी हुई है।"

त्रिपुरा में 1998 से माणिक सरकार 

त्रिपुरा में 60 विधानसभा सीटें हैं और यहां का कार्यकाल 13 मार्च को खत्म हो रहा है। त्रिपुरा ही एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार है और माणिक सरकार 1998 से मुख्यमंत्री हैं। पिछले चुनावों में CPI ने 60 में से 50 सीटें जीती थी। जबकि कांग्रेस सिर्फ 10 सीटों पर ही कब्जा कर पाई थी। जबकि बीजेपी का खाता भी नहीं खुला था।

1978 में लेफ्ट की सबसे बड़ी जीत

1978 में लेफ्ट पार्टी ने सबसे बेहतरीन जीत हासिल की थी और राज्य की 60 में से 56 सीटों पर जीत हासिल की थी। 1978 के जैसा करिश्मा लेफ्ट पार्टी दोबारा कभी नहीं कर सकी। हालांकि इसके बाद 1988-93 के दौरान लेफ्ट सत्ता से दूर रही। इसके बाद 1993 से लेफ्ट की ही राज्य में सरकार है। माणिक सरकार ने 2013 के विधानसभा चुनावों में 2008 के मुकाबले एक सीट ज्यादा जीतते हुए 50 का आंकड़ा छुआ था।

Created On :   24 Jan 2018 3:04 PM IST

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