विरोध प्रदर्शन: लद्दाख की सड़कों पर क्यों उतरे हजारों लोग, आखिर क्यों इतनी कड़कड़ाती ठंड में भी निकाल रहे विरोध मार्च, जानें वजह
- लद्दाख की सड़कों पर उतरा जनसैलाब
- पूर्ण राज्य के दर्जे को लेकर लोग कर रहे प्रदर्शन
- शनिवार को बंद रहीं कई दुकानें
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लेह में कड़कड़ाती सर्दी के बीच भी यहां के लोग विरोध मार्च निकाल रहे हैं। देश के सबसे शांत जगहों में शुमार इस इलाके में जनता का सड़कों पर निकलना हैरान करने वाला है। हालांकि लोगों के इस तरह से विरोध करने की पीछे की एक खास मांग है।
दरअसल उनकी मांग लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा दिए जाने की है। जो कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अलग कर एक केंद्रशासित राज्य बना दिया गया था। इससे पहले 3 फरवरी को लद्दाख में बंद का ऐलान किया गया था, जिसका असर पूरे प्रदेश में देखा गया था। इस विरोध प्रदर्शन के चलते बड़े पैमाने पर राज्य की दुकाने बंद कर दी गई हैं। प्रदर्शन का नेतृत्व लेह एपेक्स बॉडी और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस मिलकर कर रही हैं। ये दोनों संगठन लद्दाख दो अलग-अलग क्षेत्रों का नेतृत्व करते थे, लेकिन इस आंदोलन को बड़ा स्वरुप देने के लिए वो साथ आए।
क्या है वजह?
5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35 ए को हटाने के बाद राज्य को दो केंद्रशासित राज्यों में विभक्त कर दिया गया था। इसमें एक जम्मू कश्मीर बना, जो विधानसभा वाला केंद्र शासित राज्य था। वहीं दूसरा लद्दाख को बनाया जो बिना विधानसभा वाला केंद्रशासित राज्य बना। यानी यहां कोई विधानसभा नहीं थी। हाल में हो रहे विरोध प्रदर्शन इसी को लेकर है। यहां के लोग चाहते हैं कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले। इसके साथ ही उनका कहना है कि वो यहां की नौकरशाही से वह बुरी तरह परेशान हो गए हैं और उन्हें अपने प्रतिनिधी चुनने का मौका मिलना चाहिए। यह सब तब ही मुमकिन जब लद्दाख पूर्ण राज्य बनेगा।
लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाने के साथ ही इनकी मांग राज्य में संविधान की छठवीं अनुसूची को लागू करना (इसके तहत जनजातीय क्षेत्रों में स्वायत्त जिले बनाने का प्रावधान है) और लद्दाख व कारगिल को संसद में अलग-अलग सीटें दी जाएं।
Created On :   4 Feb 2024 5:06 PM IST