गगनयान मिशन: अंतरिक्ष में जाएंगे ये चार एस्ट्रोनॉट, पीएम मोदी ने किया नामों का ऐलान, जानिए कैसे हुआ इनका सिलेक्शन

अंतरिक्ष में जाएंगे ये चार एस्ट्रोनॉट, पीएम मोदी ने किया नामों का ऐलान, जानिए कैसे हुआ इनका सिलेक्शन
  • जल्द ही लॉन्च होगा भारत का गगनयान मिशन
  • पीएम मोदी ने की मिशन की समीक्षा
  • अंतरिक्ष में जाने वाले यात्रियों का दुनिया से कराया परिचय

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चांद और सूर्य के बाद अब भारत अंतरिक्ष में भी अपने नाम का डंका बजाने के लिए तैयार है। देश का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' जल्द ही लॉन्च होने वाला है। भारत के लिए यह मिशन बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यदि यह सफल होता है तो भारत अमेरिका, चीन और रूस के बाद मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान भेजने वाले दुनिया को चौथा देश बन जाएगा। मंगलवार को केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में पहुंचकर पीएम नरेंद्र मोदी ने गगनयान मिशन की तैयारियों की समीक्षा की। इसके साथ ही पीएम ने उन चार नामों का भी ऐलान किया जो गगनयान के साथ अंतरिक्ष में जाएंगे।

इस दौरान पीएम मोदी ने इन चार एस्ट्रोनॉट को बुलाकर दुनिया से रूबरू कराया और इन्हें मिशन के लिए शुभकामनाएं भी दीं। ये चारों एस्ट्रोनॉट हैं - ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्ण नायर, ग्रुप कैप्टन अजित कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभाषु शुक्ला। ये सभी भारतीय वायुसेना में कार्यरत हैं।

फाइटर जेट्स उड़ाने में हैं माहिर

ये चारों एस्ट्रोनॉट फाइटर जेट्स उड़ाने में माहिर हैं और इनके बारे में अच्छी खासी जानकारी रखते हैं। इन्होंने 1 साल रूस के स्पेस ट्रेनिंग सेंटर में अपनी ट्रेनिंग ली है। फिलहाल ये सभी बेंगलुरु के एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फैसिलिटी में रहकर ट्रेनिंग ले रहे हैं। अपनी ट्रेनिंग के दौरान ये चयनित पायलट लगातार उड़ान भर रहे हैं और अपनी फिटनेस पर ध्यान भी दे रहे हैं। वहीं एक और खास बात सामने आई है कि इन चारों चयनित एस्ट्रोनॉट को गगनयान मिशन के लिए नहीं भेजा जाएगा बल्कि इनमें से दो या तीन को ही फाइनल उड़ान के लिए चुना जाएगा।

ऐसे हुआ चयन

इस महत्वपूर्ण मिशन के लिए उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया साल 2019 में बेंगलुरु के इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन में हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें देशभर से सैंकड़ों पायलट शामिल हुए थे जिसमें केवल 12 ही पहले चरण को पास कर पाए थे। इसके बाद कई राउंड आयोजित किए और अंत में वायुसेना के चार पायलटों को इस मिशन के लिए चुना गया।

बता दें कि भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो गगनयान मिशन को साल 2025 में लॉन्च करने की योजना बना रहा है। पहले यह मिशन साल 2022 में लॉन्च होना था लेकिन कोरोना की वजह से इसमें देरी हुई। इस मिशन के तहत तीन एस्ट्रोनॉट को तीन दिन के लिए 400 की दूरी तक धरती की निचली कक्षा में भेजे जाने की योजना है। इसके बाद इन्हें धरती पर सुरक्षित वापस लाया जाएगा।

Created On :   27 Feb 2024 3:25 PM IST

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