दोषी करार: नोबेल पुरस्कार विजेता पर हमला करने वाले सर्कस मालिक और मैनेजर को कोर्ट ने ठहराया दोषी, फैसला आने में लगे 20 साल

नोबेल पुरस्कार विजेता पर हमला करने वाले सर्कस मालिक और मैनेजर को कोर्ट ने ठहराया दोषी, फैसला आने में लगे 20 साल
  • कैलाश सत्यार्थी पर हमला मामले में 20 साल बाद फैसला
  • कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया
  • अच्छे आचरण के प्रोबेशन के साथ 1 साल के लिए रिहा

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिला की एक कोर्ट ने नोबेल पुरस्कार विजेता से संबंधित केस पर 20 साल बाद फैसला सुनाया है। ग्रेट रोमन सर्कस के मालिक रजा मोहम्मद खान और मैनेजर शफी खान नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी पर हमला करने के आरोपी थे। इस मामले में करीब 20 साल बाद फैसला सुनाते हुए यूपी के गोंडा जिले के एक कोर्ट ने दोनों आरोपी को दोषी करार दिया है। कैलाश सत्यार्थी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए यह जानकारी शेयर की है।

कैलाश सत्यार्थी का पोस्ट

कैलाश सत्यार्थी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से एक पोस्ट शेयर कर कोर्ट के फैसले की जानकारी दी। नोबेल पुरस्कार विजेता ने अपने पोस्ट में लिखा, "20 साल की लंबी अपमानजनक और महंगी कानूनी लड़ाई के बाद, कुख्यात सर्कस के मालिक और प्रबंधक को गोंडा अदालत ने दोषी ठहराया और सजा सुनाई।" आपको बता दें कि साल 2014 में कैलाश सत्यार्थी को बच्चों और युवाओं के दमन के खिलाफ और सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए किए संघर्ष के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

कोर्ट का फैसला

जिला कोर्ट ने 20 साल पुराने मामले पर अब जाकर फैसला सुनाया है। कोर्ट ने बुधवार को दोनों दोषियों को एक साल के लिए अच्छे आचरण के प्रोबेशन पर रिहा करने का निर्देश दिया है। इसका मतलब यह है कि रिहाई के दौरान दोनों दोषी किसी भी प्रकार के कानून का उल्लंघन नहीं करेंगे। गोंडा के सहायक जिला सरकारी वकील ने बताया कि कोर्ट ने सभी घायलों को मुआवजा देने का आदेश दिया है। वकील अवनीश धर द्विवेदी के मुताबिक कोर्ट ने हमले के शिकार हुए सभी चार लोगों को पांच-पांच हजार मुआवजा देने का निर्देश दिया है।

2004 का है मामला

यह पूरा मामला साल 2004 का है। पुलिस के साथ मिलकर 'बचपन बचाओ आंदोलन' के संस्थापक कैलाश सत्यार्थी समेत तीन और लोगों ने सर्कस में काम करने वाली नागालिग लड़कियों को बचाने की कोशिश की थी। तब ग्रेट रोमन सर्कस के संस्थापक और मैनेजर ने चारों लोगों पर हमला कर दिया था।

दोषी करार दिए जाने के बाद बचाव पक्ष ने कोर्ट से दोषियों को रिहा करने की अपील की। उन्होंने यह तर्क दिया कि दोनों आरोपी बूढ़े हो गए हैं और सर्कस काफी समय पहले बंद हो चुका है और उनके खिलाफ कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। इन कारणों के आधार पर बचाव पक्ष ने दोषियों के रिहाई की अपील की जिसे कोर्ट ने अच्छे आचरण के प्रोबेशन के साथ रिहा कर दिया।

Created On :   8 March 2024 1:50 PM IST

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