Pahalgam Attack: पाकिस्तान पर बरसी भारत सरकार, PAK रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के खिलाफ उठाए सख्त कदम, एक्स हैंडल किया बैन!
- पाकिस्तान के खिलाफ भारत हो रहा दिन पर दिन सख्त
- पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का एक्स हैंडल किया बैन
- भारत को पाक दे रहा था धमकियां
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 28 निर्दोषों की जान चली गई थी। जबकि 20 से भी ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसी बीच भारत सरकार की तरफ से पाकिस्तान के खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन ले रहा है। सरकार की तरफ से पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का ट्विटर हैंडल बैन कर दिया है।
क्यों किया बैन?
मिली जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ लगातार भारत को धमकियां दे रहे थे, जिस वजह से ये कदम उठाना पड़ा था। आसिफ ने कहा था कि पाकिस्तान हाई अलर्ट पर है और उसकी पूरी सेना तैयार है। साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी थी कि अगर पाकिस्तान के अस्तित्व को सीधा खतरा पहुंचता है तो परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जा सकता है। उनके ही इस बयान के बाद भारत सरकार की तरफ से ये फैसला लिया गया है।
यूट्यूब चैनल्स को भी किया बैन
हमले के बाद भारत पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कड़े कदम उठा रहा है। इससे पहले यूट्यूब चैनल्स भी बैन किए गए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, ये चैनल्स हमले के बाद लगातार भारत, उसकी सेना और सुरक्षा एृजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ बातें फैला रहे थे। सरकार का मानना था कि ये चैनल देश में अशांति और एकता को खंडित कर सकते थे।
किन यूट्यूब चैनल्स को किया गया बैन?
भारत की तरफ से जिन पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल्स को बैन किया गया है। उन चैनल्स में लगातार भड़काऊ कॉन्टेंट अपलोड हो रहा था, उनमें डॉन न्यूज (19.6 लाख सब्सक्राइबर), इरशाद भट्टी (8.27 लाख सब्सक्राइबर), समा टीवी (1.27 करोड़ सब्सक्राइबर), एआरवाई न्यूज (1.46 करोड़ सब्सक्राइबर), बोल न्यूज (78.5 लाख सब्सक्राइबर), रफ्तार (8.04 लाख सब्सक्राइबर), द पाकिस्तान रेफरेंस (2.88 लाख सब्सक्राइबर), जियो न्यूज (1.81 करोड़ सब्सक्राइबर), समा स्पोर्ट्स (73.5 हजार सब्सक्राइबर), जीएनएन (35.4 लाख सब्सक्राइबर), उजैर क्रिकेट (2.88 लाख सब्सक्राइबर), उमर चीमा एक्सक्लूसिव (1.25 लाख सब्सक्राइबर), अस्मा शिराजी (1.33 लाख सब्सक्राइबर), मुनीब फारूक (1.65 लाख सब्सक्राइबर), सुनो न्यूज एचडी (13.6 लाख सब्सक्राइबर) और राजी नामा (2.70 लाख सब्सक्राइबर) शामिल हैं।
Created On :   29 April 2025 3:28 PM IST